उत्तर प्रदेश सरकार एवं निदेशालय उच्च शिक्षा प्रयागराज के निर्देश के अनुपालन में बापू स्नातकोत्तर महाविद्यालय पीपीगंज, गोरखपुर द्वारा “उच्चतर शिक्षण संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं सामुदायिक सहभागिता एवं समाज के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन 12 सितंबर को किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ नित्यानंद ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति पर आधारित यह वेबिनार छात्र, शोधार्थी, बुद्धिजीवी एवं समाज के हर वर्ग को शिक्षा के प्रति प्रेरित एवं प्रोत्साहित करेगा।
डॉ करुणेंद्र सिंह ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि शिक्षा सामाजिक बदलाव के लिए सबसे सशक्त औजार है ।इस राष्ट्रीय वेबिनार के मुख्य अतिथि क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी गोरखपुर डॉ अश्वनी कुमार मिश्र ने कहा कि नई शिक्षा नीति नई संभावनाओं को लेकर आई है ,जिसमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर बल दिया गया है। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए आवश्यक है कि राष्ट्र शिक्षकों का सम्मान करें इसी से शिक्षा में गुणवत्ता स्थापित होगी । साथ ही उन्होंने कहा कि हमें वर्तमान में शिक्षा की नई पद्धति के साथ-साथ अपने परंपरागत ज्ञान को भी हमें ध्यान में रखकर आगे बढ़ना होगा।
राष्ट्रीय वेबिनार में वक्ता के रूप में शामिल दिग्विजय नाथ पीजी कॉलेज गोरखपुर के B.Ed विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ राज शरण शाही ने कहा कि प्राचीन भारत विश्वविद्यालय शिक्षा के लिए विश्वगुरु था लेकिन वह वर्चस्व वर्तमान समय तक कायम नहीं रहा ,उन्होंने कहा कि इसका मूल कारण बाहरी आक्रांताओ जिसमें अंग्रेजों का योगदान सर्वाधिक था। जिसने अपने शासनकाल में अपनी शिक्षा नीति को लागू करके हमारी शिक्षा व्यवस्था को कमजोर किया । लेकिन पुनः हमें गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा को प्राप्त कर विश्वगुरु के रूप में स्थापित करना होगा ।
इसके लिए हमें शिक्षा नीति में सुधार की आवश्यकता है और नई शिक्षा नीति के माध्यम से हम पुनः उस ऊंचाई पर पहुंच सकते हैं। साथ ही उन्होंने अब तक कि आई सभी शिक्षा नीतियों पर विस्तृत चर्चा की और उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति विश्व की चुनौतियों से सामना करने के लिए कारगर साबित होगी और साथ ही भारत को आत्मनिर्भर एवं रोजगार परक बनाएगी।
इस अवसर पर दूसरे वक्ता दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर के समाजशास्त्र विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मानवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति हमें वैश्विक गुणवत्ता तरफ लेकर जाएगी जिससे भारतीय समाज लाभान्वित होगा। शिक्षा प्रणाली ही हमारे जीविका निर्माण का आधार होता है । नई शिक्षा नीति में कौशल विकास पर बल दिया गया है जिससे युवाओं में कौशल विकास होगा और जो बेरोजगारी को लेकर कुंठा पैदा होती है उस कुंठा से निजात मिलेगी, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नई शिक्षा नीति में मातृभाषा पर बल दिया गया है जिसके माध्यम से लोगों में गुणों का विकास सरलतापूर्वक हो सकता है।
महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ अमित कुमार तिवारी ने सभी अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया एवं इस वेबिनार के सूत्र संचालन का कार्य समाजशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ राकेश प्रताप सिंह ने किया । महाविद्यालय की IQAC टीम ने इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न किया। यह जानकारी मीडिया प्रभारी रवि शंकर पाण्डेय ने दी।