उत्तर प्रदेश के मेडिकल एजुकेशन का हब बनने का सपना साकार होता नजर आ रहा है। मेडिकल एजुकेशन के मामले में भी यूपी ने कई राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। राज्य के सरकारी और निजी क्षेत्र में एमबीबीएस की सीटों में हुआ इजाफा इसका सबूत है। अब कर्नाटक और महाराष्ट्र के बाद सबसे ज्यादा एमबीबीएस की सीटें यूपी में हो गई हैं। चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, तीन साल पहले तक प्रदेश में एमबीबीएस की 5,100 सीटें थी जो अब बढ़ कर 7,150 हो गई हैं। अब यूपी से अधिक सीटें सिर्फ कर्नाटक में 8,845 और महाराष्ट्र में 7,270 हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सत्ता में आने के बाद नए मेडिकल कालेज खोलने के फैसला लिया। वर्ष 2016 तक प्रदेश में 12 मेडिकल कॉलेज थे। वहीं, वर्ष 2017 से वर्ष 2019 के मध्य 28 मेडिकल कॉलेजों की नींव रखी गई, जिसमें से 7 मेडिकल कॉलेजों ने शिक्षण कार्य प्रारम्भ कर दिया है।
आठ मेडिकल कॉलेज में अगले वर्ष तक शिक्षण एवं प्रशिक्षण प्रारम्भ करा दिया जाएगा। जबकि, 13 नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू होने जा रही है। यही नहीं, गोरखपुर और रायबरेली एम्स की स्थापना यूपी की चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिहाज से मील का पत्थर साबित हो रही है। इसके साथ ही, निजी क्षेत्र में भी कई मेडिकल कालेज खोले जाने की तैयारी है। नए मेडिकल कॉलेजों के क्रियाशील होने के बाद अगले तीन से चार वर्षों में यूपी में एमबीबीएस की करीब नौ से 10 हजार सीटों पर हर साल दाखिले हो सकेंगे।