बलिया जिले के रसड़ा में मंगलवार काे तहसील दिवस पर रसड़ा आदर्श नगर पालिका की दबी-कुचली फाइलाें के बारे में एसडीएम माेतीलाल यादव ने प्रेस वार्ता में बताया कि रसड़ा में एक N R F सेन्टर बन रहा था। जिसमें ठेकेदार ने गुणवत्ता से बहुत बहुत नीचे जाकर घटिया निर्माण किया था। वही ठेकेदार के विरुद्ध कार्यवाही तथा पुन: निमार्ण हेतु रिपाेर्ट प्रेषित की गयी थी। तत्क्रम में रसड़ा नगर पालिका के लिपिक प्रदीप गुप्ता ने अन्य पत्रावलियाें काे दबा लिया था ताकि इन पत्रावलियाें की जांच न हाे। अन्यथा हाे सकता है काेई गलती इसमें मिले।
एसडीएम माेतीलाल ने बताया कि कल मैं औचक निरीक्षण करके प्रदीप गुप्ता से चाैबीस पत्रावलियाें काे निकलवा लिया। जिसकी सूची उन्हाेने दी है। इसके बाद 14 पत्रावलियां जेई के पास से प्रदीप ने लाकर के दी। इस प्रकार 38 पत्रावलियां निर्माण कार्य के संबंध में ऐसी हैं ,जिनकाे बहुत दिनाें से उक्ताें के द्वारा लंबित कर रखा गया था। बतातें चलें कि एसडीएम माेतीलाल ने स्पष्ट रुप से कहा कि नगर पालिका लिपिक प्रदीप गुप्ता पत्रावलियां जांच के लिए नहीं देना चाहते हैं बल्कि गाेल-माेल करना चाहते हैं।
गाैरतलब हाे कि एसडीएम साहब के इस कार्यवाही से आदर्श नगर पालिका परिषद् के कर्मचारियों व ठेकेदाराें हड़कंप मचा हुआ है। वही इस पूरे मामले पर नगर पालिका के कार्यवाहक अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सोनी ने बताया कि यह सारा आरोप गलत है और एसडीएम साहब कर्मचारियों का शोषण कर रहे हैं और एसडीएम साहब की मानसिकता द्वेष पूर्ण भाव की है और उनके द्वारा कहा गया कि जब से एसडीएम साहब को अधिशासी अधिकारी का पद मिला है वह कभी भी अपने पद का निर्वहन नहीं किए हैं जब से आए हैं नगरपालिका के सारे कार्यों को डंप कर के रखे हैं। यहां कोई भी काम नहीं होने देते हैं और यह दूषित मानसिकता से नगरपालिका को देख रहे हैं।
वही इस मामले में रसड़ा विधायक उमाशंकर सिंह से पूछा गया उन्होंने कहा कि इसमें कार्यवाही होनी चाहिए। जो भी दोषी है उसे बक्शा न जाए।
सुहलदेव भरतीय समाज पार्टी के नेता ने रसड़ा नगर पालिका पर गम्भीर आरोप लगाते हुए भ्र्ष्टाचार मामले में जाँच की मांग की है।