संतोष नेगी की रिपोर्टः चमोली के विकासखंड पोखरी में आली कांण्डई – लंगासू मोटर मार्ग विगत 10 वर्ष पहले इस मोटर मार्ग के तीन किलोमीटर वाले क्षेत्र में करोड़ों की लागत से सड़क का निर्माण कार्य हुआ था लेकिन एक बार की कटिंग के बाद ही लोक निर्माण विभाग ने सड़क की हालत से ऐसे मुंह फेर लिया कि सड़क निर्माण के समय से और अभी तक 10 वर्ष बाद भी सड़क पर गाड़ियां नहीं चल पायी हैं और न हीं लोक निर्माण विभाग नागनाथ पोखरी के आला अधिकारियों ने सड़क की दुर्दशा की ओर अपना ध्यान दिया सड़क निर्माण के 10 वर्ष बाद बीत जाने के बाद ऐसा नहीं लगता की सड़क कटिंग हुई थी जबकि करोड़ों की लागत व्यय हो चुकी है व सड़क आम जनमानस के पैदल चलने लायक भी नहीं है।
छात्रसंघ अध्यक्ष नागनाथ पोखरी अभिषेक बर्त्वाल ने अपने ग्राम क्षेत्र की इस सड़क की दुर्दशा के संबंध में कहा कि उत्तराखंड में जहां विकास के नए नए आयाम गढ़ने की बात की जा रही है व हर क्षेत्र में सड़क पहुंचाने की बात की जाती है ,ऐसे समय में पोखरी ब्लॉक का 10 वर्षों से बदहाल आली लंगासू मोटर मार्ग सरकार के इन विकास मिशनों की प्रगति और असलियत बयाँ कर रहा है और पिछ्ले दस सालों में दो सरकारों और क्षेत्र के दो विधायकों ने भीइस सड़क मार्ग की दुर्दशा की ओर खासा ध्यान नहीं दिया जिसका खामियाजा व दुष्परिणाम क्षेत्र के अनेकों गांव की भोली-भाली जनता भुगत रही है।
बताते चलें कि यह मार्ग क्षेत्र को लंगासू से जोड़ने के साथ-साथ कर्णप्रयाग से भी जोड़ता है तो ऐसे समय में सड़क की दुर्दशा के कारण जब वहां गाड़ियां नहीं चल पाती हैं व आम जनमानस तक पैदल नहीं चल पाता है ऐसी स्थितियों में क्षेत्र की सामान्य जनता को कर्णप्रयाग तक पहुंचने के लिए भी गांव से पोखरी व पोखरी से कर्णप्रयाग तक कुल 50 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। जबकि यदि मोटर मार्ग की दशा में सुधार लाया जाए तो यह दूरी मात्र 25 से 30 किलोमीटर रह जाएगी। ऐसे में विगत 10 वर्षो से खराब इस सड़क मार्ग की दुर्दशा को देखकर क्षेत्र की जनता का धैर्य भी जवाब दे रहा है क्षेत्रवासियों व छात्र संघ अध्यक्ष नागनाथ – पोखरी अभिषेक का कहना है कि यदि शीघ्र अति शीघ्र इस सड़क मार्ग की दशा सुधारने हेतु लोक निर्माण विभाग व शासन प्रशासन द्वारा संतोषजनक कार्य नहीं किया गया तो क्षेत्र की संपूर्ण जनता उग्र आंदोलन व धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य हो जाएगी , यह अब देखने योग्य होगा कि क्षेत्र की जनता के आवाज उठाने के बाद भी शासन – प्रशासन सड़क मार्ग की ओर ध्यान देता है कि मामले को ठंडे बस्ते में डालता है.
वहीं AE सान्दीलया का कहना है इस सड़क पर ठेकेदारों के बौन बने हुए हैं लॉक डाउन के कारण काम नहीं हो पाये जैसे कार्य करने की परमिशन मिलेगी निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा कार्य प्रगति पर है।