कहने को तो थाना दिवस का आयोजन कर प्रशासन बड़े बड़े दावे करता है। लेकिन धरातल पर ये तमाम दावे महज दावे ही नजर आते हैं जिनका हकीकत से कोई वास्ता नहीं होता। कुछ ऐसा ही हुआ जनपद देवरिया में जहां सदर कोतवाली में थाना दिवस का आयोजन किया गया था। इस दौरान जब एक महिला अपनी शिकायत लेकर जिलाधिकारी अमित किशोर और एसपी डॉ0 श्रीपती मिश्र के पास गई, तो उसकी फरियाद सुनना तो दूर, प्रशासनिक अधिकारियों ने उसे उलटे पांव वापस भगा दिया।
दरअसल, देवरिया के खास टोला रजला गांव की कुछ महिलाएं अपनी शिकायत लेकर थाने पहुंची थीं। उनकी शिकायत थी कि कुछ रसूखदार पाटीदारों ने मारपीट कर उनको उनकी ही जमीन से बेदखल कर दिया। पीड़ित महिलाओं का कहना है कि वो पिछले कई सालों से अधिकारियों के चक्कर लगा रही हैं लेकिन अभी तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। और तो और दबंगों के रसूद के चलते पुलिस मामला दबाने में लगी हुई है।
महिला सशक्तीकरण की बात करने वाली उत्तर प्रदेश सरकार में महिलाओं की ये दुर्दशा कई सवाल खड़े कर रही हैं। अगर जल्द ही इस मामले में कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया तो यकीनन महिला सुरक्षा के दावों पर प्रश्नचिन्ह जरूर लग जाएगा।