अखिलेश यादव गुरुवार को चाचा शिवपाल यादव से मुलाकात करने लखनऊ स्थित उनके आवास पर पहुंचे। करीब आधा घंटे चली इस मुलाकात के बाद समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के गठबंधन के अटकलें बढ़ गई हैं। पिछले कई मौकों पर शिवपाल यादव की तरफ से गठबंधन की बात कही जाती रही है, लिहाजा आज की मुलाकात, चुनावों से पहले एक बड़ा सियासी घटनाक्रम माना जा रहा है।
शिवपाल जहां कई मौकों पर परिवार को फिर से एक साथ आने की वकालत करते रहे हैं तो वहीं अखिलेश इस विषय पर हमेशा बचते बचाते हुए नजर आए। शिवपाल के बयानों पर उन्होंने सिर्फ एक बार गठबंधन की बात करते हुए चाचा का सम्मान किए जाने की बात कही थी। हालांकि मुलायम सिंह के करीबियों ने भी स्वीकार किया है कि सपा सुप्रीमो चाहते हैं कि चुनाव में बीजेपी के खिलाफ शिवपाल और अखिलेश एक साथ होकर लड़ें।
शिवपाल सिंह यादव पूर्व में अखिलेश यादव की सरकार के सबसे कद्दावर मंत्री के रूप में काम करते रहे हैं। मुलायम सिंह की सरकार के वक्त से ही उन्हें समाजवादी पार्टी का एक कद्दावर चेहरा माना जाता है। 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान शिवपाल और अखिलेश यादव के बीच दूरियां पनप गई थीं। शिवपाल ने इसके बाद अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन कर लिया था।
बीते दिनों से ही ऐसी अटकलें सामने आ रही थीं कि शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव एक बार फिर साथ आ सकते हैं। अखिलेश ने कहा था कि शिवपाल यादव उनके चाचा है और समाजवादी पार्टी उनका सम्मान करेगी। शिवपाल यादव ने हाल में कई बयानों में यह कहा था कि वह समाजवादी पार्टी में अपनी पार्टी के विलय के लिए भी तैयार हैं और एसपी संरक्षक मुलायम सिंह यादव की भी यही इच्छा है।