तृप्ति रावत/ दिल्ली में सबसे ज्यादा मेट्रो पर निर्भर रहने वालों के लिए बेहद ही दुखी भरा खबर है। 30 जून से मेट्रो की सारी सेवाएं बंद रहेगी। दिल्ली मेट्रो के 9000 नॉन एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने की धमकी दी है। पिछले कई दिनों से दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन यानि की डीएमआरसी के नॉन-एग्जिक्यूटिव कर्मचारी बाजू पर काली पट्टी बांधकर धरना दे रहे हैं।
नॉन-एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों में- ट्रेन ऑपरेटर्स, स्टेशन कंट्रोलर, टेकनिशन, ऑपरेशन स्टाफ, मेनटेनंस स्टाफ आदि कर्मचारी शामिल हैं। दिल्ली मेट्रो नेटवर्क में इन कर्मचारियों की बहुत ही अहम भूमिका है। इससे पहले पिछले साल भी दिल्ली मेट्रो कर्मचारियों को ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ा था। जब उसके नॉन-एग्जिक्यूटिव स्टाफ ने इसी तरह की मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने का ऐलान किया था। लेकिन आखिरी समय पर डीएमआरसी प्रबंधन और स्टाफ काउंसिल की कई बैठकों के बाद हुए समझौते के चलते यह हड़ताल टल गई थी।
कर्मचारियों का कहना है कि प्रबंधन ने पिछले साल जुलाई में जो वायदे किए थे उन्हें अभी तक पूरा नहीं किया है। नॉन-एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों की मांगें अब भी पिछले साल वाली हैं, सैलरी और पे ग्रेड में रीविजन, अरियर का भुगतान। इसके अलावा यूनियन बनाने का अधिकार और किसी कर्मचारी को केवल परिस्थिति में ही निकाला जाए और इसके लिए तय दिशा-निर्देश हों।
डीएमआरसी के कर्मचारी यूनियन के जनरल सेक्रटरी महावीर प्रसाद ने कहा कि ‘लोग 10 साल से एक ही सैलरी पर काम कर रहे हैं, पहले सर्विस रिकॉर्ड होने पर हर पांच साल में प्रमोशन दिया जाता था। प्रसाद ने कहा कि ग्रेड 13,500-25,520 को ग्रेड 14,000-26,950 तक मिलने का वादा किया था जिसे पूरा नहीं किया गया। इसके अलावा कर्मचारी नॉन-एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों के लिए 20,600-46,500 के स्तर की सैलरी की मांग कर रहे हैं।
डीएमआरसी स्टाफ काउंसिल के सचिव रवि भारद्वाज ने कहा, ‘हम पहले से बाजू पर काली पट्टी बांधकर विरोध कर रहे हैं। हमने विरोध के तौर पर ब्रेक के दौरान खाना भी बंद कर दिया है।’ कर्मचारी यमुना बैंक, द्वारका, बदरपुर, मुंडका, कुतुब मीनार, विश्वविद्यालय, जहांगीर पुरी, ओखला NSIC और पंजाबी बाग वेस्ट स्टेशनों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। वे न केवल वहां बैठकर धरना दे रहे हैं बल्कि मांग पूरी न होने पर हड़ताल पर जाने के नारे भी लगा रहे हैं।
भारद्वाज ने कहा कि हम इस बात का ध्यान रख रहे हैं कि प्रदर्शन के दौरान यात्री सेवाएं बाधित न हों लेकिन अगर 29 जून तक हमारी मांगें नहीं मानी जातीं तो 30 जून से हम पूरी तरह हड़ताल पर चले जाएंगे। भारद्वाज ने कहा, ‘ट्रेनों का रख-रखाव नहीं होगा और ट्रेन डिपो से बाहर नहीं आएंगी। स्टेशन कंट्रोलर यह सुनिश्चित करेगा कि मेट्रो स्टेशन आम जनता के लिए बंद रहें।’ इस मामले पर दिल्ली मेट्रो के प्रवक्ता ने कहा, ‘ये कुछ एचआर संबंधी समस्याएं हैं। हमें उम्मीद हैं कि इन्हें जल्द ही सुलझाया जाएगा।’