केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इन दिनों अमेरिकी दौरे पर हैं। अपने अमेरिकी दौरे पर उन्होंने अपनी अमेरिकी समकक्ष जेनेट येलेन से भी मुलाकात की। अमेरिकी दौरे पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अमेरिका भी भारत के आर्थिक सुधारों की तारीफ़ कर रहा है।
अमेरिकी दौरे पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बाइडेन प्रशासन और अमेरिकी कॉरपोरेट क्षेत्र के दिग्गजों ने भारत सरकार द्वारा हाल ही में किए गए आर्थिक सुधारों का स्वागत किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि हमने जो सुधार किए हैं, ख़ासकर पहले से मौजूद टैक्सों को वापस लेने के फैसले को अमेरिकी प्रशासन ने बहुत ही सकारात्मक कदम के रूप में स्वागत किया है।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि हम जिन भी व्यावसायिक समूहों से बात करते हैं वे इन सुधारों का स्वागत कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि इन सुधारों में देरी होने के बावजूद कई व्यावसायिक समूह इसे काफी साहसिक कदम मानते हैं। हमने उन्हें समझाया कि कुछ कानूनी मजबूरियां थीं। जिसकी वजह से हमें थोड़ी इंतजार करना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि हम उन कानूनों को वापस करने के लिए संसद भी गए, जिसके बाद इसका सभी के द्वारा स्वागत किया गया।
इस दौरान जब एक पत्रकार ने उनसे अमेरिका के साथ होने वाले व्यापार समझौते को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि उनका ध्यान निवेश प्रोत्साहन समझौते पर था जिसके लिए दिसंबर तक का समय है। साथ ही उन्होंने कहा कि हमने इसके बारे में बात की है। दोनों देश वार्ता को आगे बढ़ाना चाहते हैं और जल्द से जल्द इसका निष्कर्ष निकालना चाहते हैं। लेकिन व्यापार के बड़े मुद्दे पर वाणिज्य मंत्रालय अपने अमेरिकी समकक्ष के साथ मिलकर काम कर रहा है। इसलिए उन्होंने ज्यादा गंभीर तौर पर इसमें खुद को शामिल नहीं किया है।
बता दें अपने अमेरिकी दौरे पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक के साथ भी बैठक की। इस दौरान उन्होंने आईएमएफ से कहा कि भारत सरकार ने 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को कम कर 4.5 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है और सरकार निकट-से-मध्यम अवधि में अर्थव्यवस्था को वित्तीय मजबूती के रास्ते पर लाने के लिए प्रतिबद्ध है। आईएमएफ और विश्व बैंक के साथ बैठक के अलावा सीतारमण ने 25 से अधिक द्विपक्षीय बैठकें भी की।