कृष्ण कुमार
जिन लोगों के पास हाथ, पैर नाक कान पूरी तरह से सुरक्षित है उन लोगों को भी तमाम सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है । लेकिन ऐसे वह लोग जिनके पास अपने शरीर के अंग भी पूरे नहीं है । ऐसे लोगों की समस्याएं और उनका उपचार प्राथमिकता के आधार पर होना चाहिए । अपनी तमाम समस्याओं को लेकर अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग महासभा के बैनर तले आज अमेठी जनपद मुख्यालय गौरीगंज स्थित कलेक्ट्रेट में तमाम सारे दिव्यांग जन धरने पर बैठे हैं।
इन लोगों की मांगे हैं कि हम लोगों को हमारे हिसाब से विशेष सुविधाएं प्रदान की जाएं । जिसका उपयोग हम लोग कर सके । क्योंकि दिव्यांग पेंशन सरकारी रोडवेज बस में छूट इत्यादि के लिए हम लोगों को दर-दर भटकना पड़ता है । फिर भी हम लोगों को इसका लाभ पूरी तरह से नहीं मिल पाता है । ऐसे में यह व्यवस्था आसान की जाए जिससे हम लोगों को भटकना ना पड़े और हम लोगों को मिलने वाली पेंशन कम से कम ₹5000 महीने की जाए ।
जिससे हम लोगों का खर्च चल सके इसी के साथ निचले स्तर ग्राम पंचायत से लेकर विधानसभा और संसद तक हम लोगों को विशेष आरक्षण दिया जाए । जिससे हम लोग सरकार में अपनी भागीदारी कर सकें । यही नहीं हम लोगों के बच्चे तमाम सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं लेकिन वहां पर उनके लिए ना तो उनके हिसाब से शिक्षक हैं ना बैठने की व्यवस्था और ना ही मूलभूत सुविधाएं जैसे टॉयलेट आने-जाने इत्यादि की व्यवस्था दिव्यांगों के हिसाब से नहीं की जाती है।
यही नहीं इनके खेलकूद इत्यादि की जो व्यवस्था होती है वह सामान्य बच्चों की होती है दिव्यांगों के हिसाब से कोई भी व्यवस्था सरकारी विद्यालयों में नहीं दी जाती है। जिससे बड़ी ही कठिनाई होती है । जबकि कुल पढ़ने वाले छात्र छात्राओं में 5% दिव्यांग बच्चे हैं । इसलिए विशेष रूप से इन दिव्यांगों के लिए प्रत्येक न्याय पंचायत में एक विशेष विद्यालय खोला जाए जिसमें दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई सुगमता से की जा सके ।