तृप्ति रावत/ हाल ही में अमिताभ बच्चन ने अपने बेटी श्वेता नंदा के साथ कल्याण ज्वेलर्स का एड किया था। इस एड को लेकर अमिताभ बच्चन इतने भावुक हो गए थे कि, ट्वीटर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा था कि, ‘बेटियां बेस्ट होती है।’ लेकिन हाल ही में इस एड को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। अमिताभ बच्चन और उनकी बेटी श्वेता नंदा की ये एड करीब डेढ़ मिनट की है लोकिन इस विवादित विज्ञापन को हटा दिया गया है।
दरअसल ये विज्ञापन बैंक यूनियन के निशाने पर था। यूनियन ने कहा था कि विज्ञापन का मकसद बैंकिंग प्रणाली में ‘अविश्वास’ की भावना पैदा करना है। कल्याण ज्वलेर्स के कार्यकारी निदेशक रमेश कल्याणारमन ने कहा, ‘हमें खेद है कि भूलवश लोगों की भावना आहत हुई और हमने तत्काल प्रभाव से यह विज्ञापन हटा लिया है। आगे कहा कि, ‘हम समझते हैं कि विज्ञापन से हमारे सम्मानित बैंकिंग समुदाय के सदस्यों सहित कुछ लोगों की भावना आहत हुई हैं। इस तरह के भावना आहत करने वाले विज्ञापन अनपेक्षित हैं।’
इससे पहले केरल की आभूषण कंपनी के लिए अमिताभ बच्चन और उनकी बेटी के डेढ़ मिनट के विज्ञापन की एक बैंक यूनियन ने आलोचना की थी। यूनियन ने विज्ञापन को घृणित बताया और कहा था कि इस विज्ञापन का मकसद बैंक प्रणाली में अविश्वास पैदा करना है। ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स कान्फेडरेशन ने विज्ञापनदाता आभूषण कंपनी कल्याण ज्वलेर्स के खिलाफ मुकदमे की चेतावनी दी। संगठन ने कंपनी पर विज्ञापन के जरिए लाखों कर्मचारियों की भावना को आहत करने का आरोप लगाया था।
आईबीओसी के महासचिव सौम्य दत्ता ने आरोप लगाया था कि विज्ञापन का जो विचार और लहजा दिखाया गया और इसका जो तात्पर्य है, वह घृणित और अपमाजनक है। इसका मकसद वाणिज्यिक फायदे के लिए बैंक प्रणाली में अविश्वास पैदा करना है।
वहीं कल्याण ज्वलेर्स ने आरोप को खारिज करते हुए कहा था कि यह पूरी तरह फिक्शन है। कल्याण ज्वलेर्स ने दत्त को लिखे पत्र में कहा था, ‘… यह पूरी तरह काल्पनिक है और हमारा बैंक अधिकारियों को अपमानित करने का कोई इरादा नहीं है। ‘कंपनी के अनुसार इसके लिए विज्ञापन से पहले उद्घोषणा भी की गई थी। इसमें कहा गया है कि किसी व्यक्ति या समुदाय के सम्मान को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है।
विज्ञापन में बच्चन एक बुजुर्ग के किरदार में हैं और श्वेता नंदा उनकी बेटी बनी हैं। इसमें उस बुजर्ग व्यक्ति यानी की अभिनेता बच्चन को एक ईमानदार व्यक्ति के रूप में दर्शाया गया है जो अपने पेंशन खाते में आए अतिरिक्त धन को लौटाने बैंक जाता है। उसकी बेटी भी उसके साथ जाती है। वहां बैंक कर्मचारियों ने उस व्यक्ति के साथ कटु व्यवहार किया।
दत्ता ने कहा था. ‘विज्ञापन में बैंक की गलत तस्वीर पेश की गयी है और लाखों कर्मचारियों की भावना को आहत किया गया है जो निदंनीय है। हम इसे सभी बैंकों की मानहानि का मामला मानते हैं।’ एआईबीओसी ने आभूषण कंपनी से इस मामले में बिना शर्त माफी मांगने की मांग की है। उसने कहा कि अगर विज्ञापन वापस नहीं लिया जाता है , उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी।