नोयडा में दिनांक 13 नवंबर को “प्रेरणा विमर्श 2022” का समापन हुआ। इस पाँच दिवसीय कार्यक्रम में “भविष्य का भारत” विषय पर समाज के अनेकों क्षेत्रों से आये विद्वत जनों अपने-अपने विचार प्रकट किए एवं विमर्श किये। इस आयोजन में मीडिया के क्षेत्र की वर्तमान स्थिति पर भी विमर्श हुआ जिसमें जाने-माने पत्रकारों ने भाग लिया। इस पाँच दिवसीय आयोजन का प्रमुख आकर्षण यहॉं आयोजित लघु फिल्मोत्सव रहा। जिसमें देश भर से आयी अनेकों फिल्मों का प्रदर्शन हुआ एवं सर्वश्रेष्ठ फिल्मों को पुरस्कृत भी किया गया। इसमें दो वर्ग, कथा चित्र एवं वृत्त चित्र थे। इसी अवसर पर अंतिम दिन फिल्मों पर एक कार्यशाला तथा विमर्श का आयोजन हुआ। प्रेक्षागार में उपस्थित फ़िल्म विधा के छात्रों एवं आकांक्षियों के मध्य सार्थक संवाद भी हुआ। इसमें मुख्य अतिथि एवं वक्ता वरिष्ठ फिल्मकार (लेखक एवं निर्देशक, उत्तर प्रदेश चलचित्र निगम के पूर्व सूचीबद्ध निर्माता-निर्देशक) एवं पत्रकार श्री मधुकर पाण्डेय तथा वरिष्ठ रंगकर्मी, अभिनेता एवं निर्देशक श्री रत्न राठौर उपस्थित थे।
कार्यक्रम समाप्ति के अंतिम क्षणों में श्री मधुकर पाण्डेय ने विशुद्ध भारतीयता एवं स्वस्थ मनोरंजन पर आधारित “अपना ओटीटी” के शीघ्र ही 2023 में आरम्भ होने की घोषणा की।
इस विषय पर उनसे हुई बातचीत में उन्होंने मनोरंजन के संपूर्ण क्षेत्र में व्याप्त स्तिथि पर गम्भीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि “आक्रमण केवल शस्त्रों से नहीं होता वरन विचारों एवं किसी भी राष्ट्र, समाज की मूल संस्कृति को प्रदूषित करके उसकी पवित्रता, सभ्यता को नष्ट करके भी होता है। यह आक्रमण बिना धमाके एवं धुएं के धीमी गति से परन्तु अत्यंत प्रभावशाली, भयानक तथा विषाक्त होता है। वर्तमान समय में मनोरंजन के नाम पर, मीडिया, सिनेमा, ओटीटी, विज्ञापन फिल्मों एवं सोशल मीडिया के माध्यम से योजनाबद्ध रूप से कभी प्रत्यक्ष एवं कभी अप्रत्यक्ष रूप से भारतीय संस्कृति को नष्ट करने का जो कुत्सित प्रयास किया जा रहा है, इस विषय पर विचार-विमर्श इस कार्यक्रम में हुआ तथा तत्काल यथोचित कदम उठाने की नीति पर चर्चा हुई।
उन्होंने आगे कहा कि “इसी क्रम में मैंने भारतीय संस्कृति, साहित्य, इतिहास, परम्परागत सामाजिक मूल्यों, आधुनिक जीवन शैली की विसंगतियों, लोक संस्कृतियों एवं आध्यात्म पर आधारित “अपना ओटीटी” के शीघ्र प्रारम्भ करने के निर्णय की घोषणा की। पूर्ण रूप से जन सहयोग पर आधारित एक वैचारिक क्रांति के इस ओटीटी पर युवाओं को प्लेटफार्म देने की घोषणा की। इसकी प्रेरणा विश्व प्रसिद्ध “बनारस हिंदू विश्वविद्यालय” के संस्थापक महामना मदनमोहन मालवीय जी से है, उनके द्वारा दिखाए गए पथ पर चलते हुए इस ओटीटी को जन आशीर्वाद से सफल बनाया जाएगा।
एक प्रश्न के उत्तर में श्री मधुकर पाण्डेय ने बताया कि” भारत में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है परन्तु उन्हें फ़िल्म, टीवी सीरियल, वेब सीरीज आदि प्लेटफॉर्म्स की मुख्य धारा में प्रवेश ही नहीं मिल पाता है जिससे प्रतिभाएं खिलने से पहले ही मुरझा जातीं हैं। इस दृष्टिकोण से हिंदी सिनेमा तथा वेब सीरीज आदि के निर्माण केंद्र का विकेंद्रीकरण, आज समय की बहुत बड़ी आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश से इसका आरम्भ किया जा रहा है। हिंदी मनोरंजन के क्षेत्र में हज़ारों युवाओं के साथ ही इस क्षेत्र के प्रतिभासंपन्न लोगों को उनकी ही भूमि मुख्यतः हिंदीभाषी प्रदेशों जैसे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छतीसगढ़, बिहार एवं झारखंड आदि, पर ही अवसर देने हेतु तथा ऐसी प्रतिभाओं को अनेकों कार्यशालाओं द्वारा प्रशिक्षित एवं निखार कर फ़िल्म, सीरियल, वेब सीरीज, शार्ट फिल्मों तथा क्षेत्रीय कार्यक्रमों के निर्माण हेतु तैयार किया जाएगा।
उन्होंने आगे बताया कि ” यह ओटीटी किसी भी धनपति, औद्योगिक या धन कुबेरों द्वारा प्रायोजित न हो कर स्वयं द्वारा वित्त पोषित एवं जन सहयोग के विचार पर आधारित है। “अपना ओटीटी” का मुख्य उद्देश्य भारतीय सांस्कृतिक, पारिवारिक, सामाजिक मूल्यों पर निरन्तर हो रहे आक्रमणों के विरुद्ध स्वस्थ कार्यक्रमों को प्रस्तुत करना है जिसमें भारतीय साहित्य, इतिहास, आध्यात्मिक, सनातनी तथा आधुनिक समाज एवं जीवन की कहानियों, समस्याओं, व्यक्तित्वों, स्थानों, परम्पराओं तथा विकास की गाथाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। श्री पाण्डेय ने कहा कि “अपना ओटीटी” द्वारा यह सशक्त प्रयास किया जाएगा जिससे भारत में वर्षों से निरन्तर सुनियोजित रूप से हो रहे सांस्कृतिक, धार्मिक एवं सामाजिक आक्रमणों एवं प्रदूषण का समुचित उत्तर दिया जा सके एवं भविष्य के भारत की युवा शक्ति एवं भविष्य को संरक्षित एवं संवर्धित किया जा सके, रक्षा की जा सके, यदि युवा संरक्षित है तो संस्कृति, समाज, सभ्यता एवं राष्ट्र सुरक्षित है। “अपना ओटीटी” भारत भूमि की सुगंध से परिपूर्ण होगा एवं एक सांस्कृतिक, आध्यात्मिक तथा राष्ट्रवाद का प्रबल जनआंदोलन होगा”