नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नॉलॉजी की वजह से अबकी बार वैलेंटाइन्स डे पर करोड़ों प्रेमियों की मुश्किलें आसान हो गईं जिन्हें अपने प्रेम का इज़हार करने में डर लगता है या फ़िर जिन्हें प्रेम प्रस्ताव के लिए सही तरीका नहीं सूखता। और इस मुश्किल को आसान किया दुनिया की जानी-मानी चॉकलेट निर्माता कंपनी कैडबरी सिल्क ने अपने मार्केटिंग कैंपेन ‘हाऊ फ़ार विल यू गो फ़ॉर लव’ के ज़रिये, जिसे भारत के 5.8 करोड़ युवाओं तक पहुँचाने का ज़िम्मा उठाया गूगल और माइक्रोसॉफ़्ट जैसी कंपनियों से टक्कर लेने वाली भारतीय ‘कन्वर्सेशन मीडिया’ कंपनी बॉबल एआई ने।
अपने एडवांस कीबोर्ड्स के ज़रिये सीधे तौर पर 5 करोड़ लोगों तक पहुँचने का दम रखने वाली बॉबल एआई ने वैलेंटाइन्स डे को ध्यान में रखते हुए चॉकलेट थीम वाले कई स्टिकर्स डिज़ाइन किये जिसका इस्तेमाल करते हुए क़रीब 11 लाख लोगों ने एक दूसरे से अपने प्यार का इज़हार किया। यूँ तो कैडबरी हर साल ही वैलेंटाइन्स डे पर अपने ग्राहकों तक पहुँचने के लिए नए-नए प्रयोग करती है लेकिन इस बार उसने इंटरनेट पर मौजूद मिलेनियल्स और जेनरेशन जेड की करोड़ों की आबादी तक पहुँचने के लिए सीएमएम यानि कन्वर्सेशन मीडिया मार्केटिंग का सहारा लिया। जिसका सीधा मतलब है, इंटरनेट के सहारे व्हाट्सएप, फ़ेसबुक मैसेंजर और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर एक दूसरे से चैटिंग करने वाले युवाओं की बातचीत में बिना किसी दख़लंदाज़ी के अपने ब्रांड के बारे में जागरूकता बढ़ाना। और ज़ाहिर तौर पर कैडबरी के लिए ये प्रयोग बेहद फ़ायदेमंद साबित हुआ क्योंकि वो इसके ज़रिये महज़ 14 दिनों में 5.8 करोड़ लोगों तक पहुँची। और उम्मीद है कि फ़रवरी के आख़िर तक चलने वाले इस कैंपेन के ज़रिये कैडबरी अगले 15 दिनों में इतने ही और युवाओं तक पहुँचेगा जो बातचीत के लिए ऑनलाइन चैटिंग का सहारा लेते हैं।
एक रिसर्च के मुताबिक़ भारत में हर रोज़ अलग-अलग चैट एप्लिकेशन के ज़रिये 70 बिलियन मैसेज भेजे जाते हैं जिनमें अपनी भावनाओं का खुलकर इज़हार करने के लिए 10 बिलियन ईमोजी और 700 मिलियन स्टिकर्स और जिफ़ का भी इस्तेमाल होता है। और इनमें से करोड़ों मैसेज बॉबल एआई कीबोर्ड इस्तेमाल करने वाले 5 करोड़ यूज़र भेजते हैं। और यही वजह है कि दुनिया की जानी-मानी कंपनी कैडबरी ने वैलेंटाइन डे पर अपने प्यार का इज़हार करने में संकोच करने वालों के लिए एक अनोखा कैंपेन चलाने के लिए बॉबल एआई से हाथ मिलाया। ग़ौरतलब है कि बॉबल एआई का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस कीबोर्ड 120 भाषाओं को सपोर्ट करता है जिनमें 37 भारतीय भाषायें शामिल हैं और भारत में यह कीबोर्ड गूगल के जी कीबोर्ड और माइक्रोसॉफ़्ट के स्विफ्टकीबोर्ड को कड़ी टक्कर दे रहा है। यही नहीं बॉबल एआई ने मराठी, मलयालम और बांग्ला में स्पेशल कीबोर्ड भी लाँच किए हैं जो इस भाषा में बातचीत करने वाले लोगों की क्षेत्रीय भाषायी ज़रूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किये गये हैं।
वैलेंटाइन्स डे पर कैडबरी की साझीदारी में चलाए जा रहे इस कैंपेन पर टिप्पणी करते हुए बॉबल एआई की बिज़नेस हेड अनिका तंवर ने कहा कि करोड़ों भारतीय अपने दोस्तों, परिवारवालों या परिचितों के साथ बातचीत के लिए रोज़ाना व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और स्नैपचैट जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं और भारतीयों के बीच होने वाली इस बातचीत में हर रोज़ 70 करोड़ से ज़्यादा स्टिकर और जिफ़ का इस्तेमाल होता है। मार्केटिंग के लिहाज़ से ये एक बहुत बड़ा मौक़ा है जिसका इस्तेमाल करके तमाम कंपनियाँ इन युवाओं तक पहुँच सकती हैं। कैडबरी ने इस कैंपेन में बॉबल एआई के साथ हाथ मिलाकर हमारी इस सोच पर मुहर लगा दी है कि आने वाले समय में युवाओं तक पहुँचने में कन्वर्सेशन मीडिया मार्केटिंग एक बड़ी भूमिका निभाने वाला है जो फ़िलहाल भारत में केवल बॉबल एआई मुहैया कर रहा है।
ग़ौरतलब है कि बॉबल एआई ने इससे पहले भी टिंडर, एडीडास, रीबॉक, वॉयकॉम18, सनफीस्ट यिपी मूड मसाला, एबीटी एसोसिएट्स, सोनी पिक्चर्स और किंगफ़िशर जैसी बड़ी कंपनियों को कन्वर्सेशन मीडिया मार्केटिंग के ज़रिये अपने प्लेटफ़ॉर्म पर 1 करोड़ 20 लाख से ज़्यादा लोगों के साथ जुड़ने में मदद की है। सीएमएम भारत के लिए बेशक एक नया फ़ॉर्मूला है लेकिन बिटमोजी, जिफ़ी, जेनीज़ और हॉलर जैसी कई ग्लोबल कंपनियाँ इसके ज़रिये दुनिया भर की तमाम बड़ी कंपनियों को अनोखे तरीक़े से करोड़ों मिलेनियल और जेनरेशन जी के ग्राहकों तक पहुँचने में मदद कर रही हैं।
हाल ही में आई डेंट्सू ई4एम की एक रिपोर्ट ‘डिजिटल एडवरटाइजिंग इन इंडिया’ में बताया गया है कि 2020 के आख़िर तक भारत में डिजिटल एडवरटाइज़िंग इंडस्ट्री में 15.3% का इज़ाफ़ा देखने को मिला जिसकी वजह से अब यह इंडस्ट्री 2020 के 13,683 करोड़ रूपये से बढ़कर 15,782 करोड़ रूपये की हो गई है और उम्मीद है कि साल 2021 में इसमें 20 फ़ीसदी और साल 2022 में 22.47% का इज़ाफ़ा दर्ज किया जाएगा जिससे के बाद साल 2021 के आख़िर तक यह 18,938 करोड़ रूपये और 2022 के आख़िर तक 23,673 करोड़ रूपये की हो जाएगी जिसमें कन्वर्सेशन मीडिया मार्केटिंग की भी अच्छी ख़ासी भागीदारी होने की उम्मीद है जिसका इस्तेमाल फ़िलहाल भारत में केवल बॉबल एआई कर रहा है।