एशिया प्रशांत शिखर सम्मेलन, नेपाल 2018 का आयोजन 30 नवंबर से 3 दिसंबर तक काठमांडू में हो रहा है जिसमें दुनिया के विभिन्न देशों के प्रमुख नेता, सांसद तथा नीति निर्माण से जुड़े विशेषज्ञ आदि हिस्सा लेंगे और वर्तमान समय की चुनौतियों पर मंथन करेंगे । नेपाल के काठमांडू में होने जा रहे यूनिवर्सल पीस फेडरेशन (यूपीएफ) द्वारा आयोजित एशिया पैसिफिक समिट 2018 में हिस्सा लेने के लिए भारत की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौडा के नेतृत्व में 70 सदस्यीय दल कल रवाना होगा। इसमें 7 देशों के राष्ट्राध्यक्ष, 45 देशों के सांसद एवं 1500 से ज्यादा प्रतिनिधि भाग लेंगे। कार्यक्रम में शामिल बुद्धिजीवी संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास के 2030 एजेंडा में शामिल जलवायु परिवर्तन, शांति और विकास, सुशासन, और सुदृढ़ परिवार आदि विभिन्न विषयों पर भी चर्चा करेंगे।
शिखर सम्मेलन का मुख्य विषय ‘‘हमारे समय की महत्वपूर्ण चुनौतियां : स्वतंत्रता, साझी समृद्धि और सार्वभौम मूल्य’’ है । एशिया प्रशांत शिखर सम्मेलन, नेपाल का आयोजन यूर्निवर्सल पीस फेडेरेशन कर रहा है जो दुनिया के कई देशों में संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के साथ मिलकर काम करता है। वहीं इस सम्मेलन को इंटरनेशनल एसोसिएशन आॅफ पार्लियामेंटेरियंस फाॅर पीस (आईएपीपी) और इंटरनेशनल कांफ्रेंस आॅफ एशियन पाॅलिटिकल पार्टीज (आईसीएपीपी) का भी समर्थन प्राप्त है।
70 सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल 30 नवम्बर को होगा रवाना, पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा करेंगे भारत का नेतृत्व
शिखर सम्मेलन के दौरान कई परिचर्चा सत्र होंगे जिसमें शांति, विकास, सुशासन एवं सांसदों की भूमिका के अलावा आस्था आधारित संगठनों एवं नागरिक संगठनों की भूमिका और मीडिया की भूमिका जैसे विषय शामिल हैं । सत्र के दौरान दुनिया में शांति स्थापना के लिये हो रही पहल तथा परिवार एवं विवाह की व्यवस्था को मजबूत बनाने की पहल पर भी चर्चा होगी । यूनिर्वसल पीस फेडेरेशन की विज्ञप्ति में कहा गया है कि सम्मेलन के दौरान जलवायु परिर्वतन पर विशेष घोषणापत्र को अंगीकार किया जायेगा ।
इस सम्मेलन से नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल, यूनिर्वसल पीस फेडेरेशन के प्रमुख डॉ थामस जी वाल्स, फिलिपीन के हाउस आफ रिप्रेजेंटेटिव के पूर्व स्पीकर जोस डी वेनेलिया, भारत से पूर्वोत्तर क्षेत्र से राज्यसभा सदस्य भुवनेश्वर कालिता जुड़े हुए हैं।