लखनऊ। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीष कुमार अवस्थी ने महानिदेषक अभियोजन को सत्र न्यायालयों, विषेष सत्र न्यायालयों एवं अन्य जनपदीय न्यायालयों में महिलाओं एवं नाबालिगों के विरूद्व लैंगिक, बालात्कार व गम्भीर अपराधों से सम्बन्धित विचाराधीन मामलों के वादों के निस्तारण हेतु प्रभावी पैरवी में तेजी लाने के निर्देष दिये है। उन्होने इस संबंध में होने वाली प्रत्येक सुनवाई की अद्यतन स्थिति प्रत्येक माह शासन को भी उपलब्ध कराने के निर्देष भी दिये है।
महिलाओं एवं नाबालिगों के विरूद्व लैंगिक, बालात्कार व गम्भीर अपराधों से सम्बन्धित विचाराधीन मामलों के वादों के निस्तारण हेतु प्रभावी पैरवी में तेजी लाने के निर्देष प्रत्येक सुनवाई की अद्यतन स्थिति प्रत्येक माह शासन को उपलब्ध कराने के भी निर्देष
उल्लेखनीय है कि प्रदेष के समस्त जनपदों मंे अभियोजन संवर्ग के सहायक अभियोजन अधिकारी, अभियोजन अधिकारी, ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी एवं संयुक्त निदेषक अभियोजन तैनात होते है, जो राज्य के विरूद्व किये गये अपराधों की पैरवी शासन की ओर से करते है। इसी क्रम में सत्र न्यायालयों व विषेष सत्र न्यायालयों में जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) एवं अपर शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा आपराधिक मामलों में शासन की ओर से प्रभावी पैरवी कर अभियुक्तों को दण्ड दिलाने का कार्य किया जाता है। महिलाओं एवं नाबालिगों के विरूद्व लैंगिक, बालात्कार व गम्भीर अपराधों से सम्बन्धित विचाराधाीन मामलों की सुनवाई सत्र न्यायालयों व विषेष सत्र न्यायालयों में की जाती है।