प्रणय विक्रम सिंह/ धर्मनगरी अयोध्या की धरती पर आधुनिकता और अध्यात्म का अद्भुत समन्वय दिखाई पड़ रहा है। भारत की सामाजिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक चेतना का जीवंत स्पंदन अयोध्या, अब पुनः अपने प्राचीन वैभव को नूतन कलेवर में जीने की तैयारी कर रहा है। श्री राम मंदिर निर्माण के पहले ही पावन अयोध्या का स्वरूप निखारने के लिए उ.प्र. सरकार की प्रतिबद्धता हर स्तर पर दिखाई पड़ रही है।
अयोध्या में एक तरफ परिवहन पथों का बिछता जाल है तो दूसरी तरफ पवित्र सरयू के ‘स्वच्छ’ जल के अविरल प्रवाह का भागीरथी प्रयास है। तटों के किनारे सभ्यता को पुनः पुष्पित-पल्लवित होते देखने का सौभाग्यशाली संकल्प है तो क्वीन हो-मेमोरियल पार्क के माध्यम से पुनर्जीवित हो रहा वैश्विक ‘संबंध’ है। यही नहीं, रामायण सर्किट के माध्यम से आधुनिक युग में पौराणिक हुतात्माओं से साक्षात्कार के सुखद अहसास की तैयारी भी है।
महाराजा मनु के काल से लेकर आधुनिक अयोध्या तक पर्यटन की ढेर सारी संभावनाओं को देखते हुए अयोध्या के समग्र विकास का खाका कुछ इस प्रकार खींचा गया है कि आने वाली पीढ़ियों की पुरातन सभ्यता के साथ आधुनिक अयोध्या से मुलाकात हो सके। उ.प्र. सरकार के प्रयासों से विगत साढ़े तीन वर्षों में अयोध्या बदहाली के दौर से बुलंदी की राह पर अग्रसर हुई है। श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पंचकोसी व चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग के सुदृढीकरण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। पंचकोसी मार्ग के लगभग 07 किमी के दायरे में स्थित ब्रह्मकुण्ड एवं दशरथ कुण्ड के पास मार्ग के किनारे पटरियों पर इण्टर लाकिंग टाइल्स लगाने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। इसके साथ ही राम मंदिर तक भक्तगणों को सुगमता से पहुंचाने के लिए अयोध्या फैजाबाद मुख्य मार्ग गेट नम्बर-3 से श्रीरामजन्म भूमि पहुंचने के मार्ग के सुधार और मरम्मत का कार्य भी पूर्ण हो गया है।
दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए अलग-अलग जगहों पर मल्टी लेवल पार्किंग के निर्माण कार्य के साथ ही अयोध्या में अंडरग्राउण्ड केबलिंग का कार्य भी तीव्रता से चल रहा है। अयोध्या नगरी का विकास इस प्रकार से किया जा रहा है कि यातायात की व्यवस्था सुगम हो, इसलिए आधुनिक बस स्टेशन का निर्माण हो रहा है तथा सड़क के चौड़ीकरण पर भी कार्य तेजी से किया जा रहा है।
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम से सम्बन्धित कार्यक्रमों को अधिक बेहतर और रुचिकर अंदाज से पेश करने के लिए धार्मिक नगरी में अन्तर्राष्ट्रीय रामलीला केन्द्र पूरी तरह से बन कर तैयार है। करीब 100 एकड़ में बन रहा थीम पार्क भी लगभग 80 फीसदी पूरा हो चुका है। थीम पार्क के ओपन एयर थियेटर में दर्शक दीर्घा बन कर तैयार हो चुकी है। जल्द ही आमजन इसका आनंद ले सकेंगे। यह थीम पार्क श्रद्धालुओं को मानव निर्मित झील के सहारे ‘शबरी गार्डन’ से ‘अशोक वाटिका’ तक ले जाएगा। इसमें अयोध्या और लंका दोनों की झलक मिलेगी।
‘अलौकिक के साथ आधुनिक’ बनने की राह पर बढ़ रही अयोध्या में राम कथा पार्क के विस्तारीकरण का निर्माण कार्य बहुत जारों पर चल रहा है। मुख्य भवन के स्टेज पर ग्रेनाइट पत्थर की फ्लोरिंग का कार्य पूरा हो गया है और दर्शक दीर्घा के विस्तारीकरण हेतु फस्ट पार्ट में प्लिंथ बीम व कालम का कार्य समाप्त हो गया है। जबकि दिगम्बर अखाड़ा में बहुउद्देश्यीय हाल बन कर तैयार हो गया है। यही नहीं राम की पैड़ी पर अविरल जल प्रवाह हेतु पैड़ी रिमाडलिंग पूरी गई है। अब राम की पैड़ी पर जल के अविरल प्रवाह से उत्पन्न ‘स्वर लहरियां’ श्रद्धालुओं का मन मोहेंगी। यातायात की सहजता के क्रम में नए बस डिपो का निर्माण कार्य 70 फीसदी पूरा हो चुका है तो अयोध्या बाईपास के निकट मल्टीलेवल कार पार्किंग जल्द ही आमजन के उपयोग हेतु खोल दी जायेगी। अयोध्या में पैदल आवागमन को सुगम बनाने के लिए फुटपाथों के नवीनीकरण का कार्य लगभग समाप्त होने वाला है तो हनुमान गढ़ी, कनक भवन पैदल यात्री मार्ग का नवीनीकरण तेजी से हो रहा है।
प्रभु श्री राम से जुड़े घाटों का जीर्णोंद्धार तीव्र गति से चल रहा है। गुप्तारघाट के विकास एवं निर्माण कार्य की परियोजना पूरी हो चुकी है तो लक्ष्मण किला घाट पर भी कार्य पूरा होने वाला है। 216 व्यक्तियों की क्षमता का सांस्कृतिक मंच आडिटोरियम भी जल्द ही बन कर तैयार हो जायेगा। यह मंच सांस्कृतिक प्रवाह को एक सशक्त माध्यम प्रदान करेगा। इसके साथ ही भगवान राम के जीवन पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय लोकार्पण के लिए तैयार है।
सांस्कृतिक नगरी अयोध्या के प्रमुख मठों, मंदिरों एवं कुण्डों का जीर्णोद्धार एवं उनके आस-पास वांछित जन सुविधाओं का विकास, यहां विदेशी पर्यटकों के लिए मनोनुकूल वातावरण तैयार कर रहे हैं। श्रीराम एयरपोर्ट के निर्माण की तीव्रता बता रही है कि अगले साल तक यहां कामर्शियल फ्लाइट लैंड हो जायेगी।
दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सत्ता में आते ही अयोध्या को उसका प्राचीन गौरव वापस कराने की युगांतकारी मुहिम प्रारम्भ हो गई थी। दीपावली के एक दिन पूर्व अयोध्या में प्रारम्भ किए गए भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम के माध्यम से शुरू हुआ अयोध्या का ‘कायापलट’ कार्यक्रम, आज तक जारी है। प्राचीन मंदिरों के जीर्णोंद्धार से लेकर इक्ष्वाकुपुरी ग्रीन सिटी की बसावट तक मुख्यमंत्री योगी की प्राथमिकता में है।
दीगर है कि उ.प्र. सरकार, अयोध्या के गुप्तार घाट से ब्रह्मकुंड गुरुद्वारे तक सरयू नदी के किनारे के पूरे क्षेत्र को इक्ष्वाकुपुरी ग्रीन सिटी के तौर पर विकसित कर रही है। आधुनिकता, वैज्ञानिकता और आध्यात्मिकता के संगम इक्ष्वाकुपुरी में इक्ष्वाकुवंश के प्रतापी राजाओं विशेषतः राम के जीवन से जुड़ी घटनाओं और उनकी वैश्विक उपस्थिति से जुड़े ऐतिहासिक चित्र, लघु फिल्मों, वृत्त चित्रों, डिजिटल किताबों आदि का प्रदर्शन किया जाएगा।
फ्लाई ओवर से लेकर फोरलेन सड़कों पर दौड़ने की तैयारी करता अयोध्या का विकास, अत्याधुनिक रिजार्टों, फाइव स्टार होटलों समेत गौशाला, धर्मशाला, वैदिक संस्थानों और श्रद्धालुओं के लिए ठहरने के लिए रैन बसेरों से जुड़ रहा है और अयोध्या के “कायाकल्प” की आशा के दीपकों को ज्योति प्रदान कर रहा है।