बहराइच: दरवाजे पर बेटी के निकाह की तैयारियां पूरी थी। बरातियों के स्वागत के लिए कन्या पक्ष ने पूरी ताकत झोंकी। बारात आई दूल्हा मंडप में बैठा। निकाह की बारी आई तो दूल्हे की पसंद ने कन्या पक्ष के लोगों के अरमानों पर पानी फेर दिया। मनपसंद बाइक न मिलने पर दूल्हे ने भरी सभा में निकाह से इंकार कर दिया। निकाह टूटने के बाद संभ्रांत लोगों ने परिजनों की मर्जी से आनन फानन में दूसरे लड़के से शादी तय की। बिना दहेज के निकाह की रश्म अदा की गई।
हरदी थाना क्षेत्र के मिश्रनपुरवा गांव निवासी पीड़ित भाई हकीम पुत्र जलील ने बताया कि दो वर्ष पूर्व पंजाब से कमाई कर लौटते समय रास्ते से उसके पिता गायब हो गए। आज तक उनका पता नहीं चल सका। पिता के गायब होने के बाद परिवार की देखरेख हकीम के जिम्मे आ गई। पीड़ित ने बताया कि उसने अपनी बहन मौसमी की शादी सीतापुर जिले के रेऊसा थाना क्षेत्र के चौसा गांव निवासी शफीक पुत्र वली मुहम्मद से तय की। निकाह से पूर्व होने वाली सभी रस्में भी पूरी की गईं। 21 जून को शादी की तारीख रखी गई।
पीड़ित भाई ने बताया कि बारात दरवाजे पर आई। निकाह की रश्म के समय दूल्हे शफीक ने अपाची गाड़ी की मांग की। दूल्हे ने गाड़ी या उसकी कीमत की धनराशि मिलने के बाद निकाह कबूल करने की बात कही। भाई ने बताया कि दहेज में बाइक की मांग पर उसने हीरो हांडा डीलक्स गाड़ी खरीदने के लिए 57 हजार रुपए दिए जबकि दूल्हे ने 70 हजार की मांग रखी।
बातचीत में दोनों पक्षों के बीच समस्या का कोई हल नहीं निकला। दहेज की मांग न पूरी करने पर दूल्हे ने निकाह से इंकार कर दिया। निकाह टूटने के बाद परिजन परेशान हो उठे। मौके पर पहुंचे संभ्रांत लोगों ने कन्या व वर पक्ष की मर्जी से लड़की का निकाह बिना दहेज के दूसरे लड़के से कराया। मिश्रनपुरवा गांव निवासी इस्लाम ने अपने बेटे सद्दाम से मौसमी का पूरे रश्मों रिवाज के साथ निकाह कबूल कराया। एसओ दिनेश सिंह बिष्ट ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। पक्षों को थाने पर बुलाया गया था। दोनों पक्षों ने आपस में सुलह समझौता कर लिया है।