बजाज चीनी मिल सहित 05 बड़े चीनी मिलों के खिलाफ जारी हुआ वसूली प्रमाण-पत्र

लखनऊ। उत्तर प्रदेश गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन) अधिनियम 1953 की विभिन्न धाराओं के अन्तर्गत कड़ा रूख अपनाते हुए लापरवाही बरतने वाली 05 बड़े बकायेदार चीनी मिलों, जिनमें मोदी समूह की चीनी मिल मलकपुर-बागपत, चीनी मिल गड़ौरा-महराजगंज, सिम्भावली समूह की चीनी मिल चिलवरिया-बहराइच, बजाज समूह की चीनी मिल इटईमैदा-बलरामपुर एवं यदु समूह की चीनी मिल बिसौली-बदायूँ के खिलाफ वसूली प्रमाण-पत्र जारी कर दिये गये हैं।


इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए आयुक्त गन्ना एवं चीनी संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि निर्गत वसूली प्रमाण पत्र के क्रम में सम्बंधित जिला प्रशासन भू-राजस्व के बकाया कि तरह ही वसूली कर सकेगा, जिससे किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान कराने में मदद मिलेगी। साथ ही यह भी बताया कि अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान के लिए समय-समय पर की गयी समीक्षा बैठकों एवं नोटिसें निर्गत कर त्वरित गन्ना मूल्य भुगतान के लिए दिये गये निर्देशों के आलोक में भुगतान प्रक्रिया में आयी तेजी से अद्यतन पेराई सत्र 2020-21 में संचालित 120 चीनी मिलों में से 36 चीनी मिलों द्वारा शत-प्रतिशत तथा 29 चीनी मिलों द्वारा 80 प्रतिशत से अधिक गन्ना मूल्य भुगतान प्रदेश के किसानों को करा दिया गया है, जिनमंे से 19 चीनी मिलों का भुगतान 90 प्रतिशत से ज्यादा है।


गन्ना आयुक्त ने बताया कि गन्ना मूल्य भुगतान की प्रतिदिन समीक्षा की जा रही है तथा उपरोक्त 05 चीनी मिलों द्वारा भुगतान के प्रति लापरवाही बरतने के -दृष्टिगत इनके विरूद्ध वसूली प्रमाण-पत्र जारी करते हुए दण्डात्मक कार्यवाही की गयी है। निर्गत निर्देशों का अनुपालन न करने वाली अन्य चीनी मिलों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि गन्ना मूल्य का यथाशीघ्र भुगतान न किये जाने पर दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी।

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