गंगा तट से मंदिर के गर्भगृह तक बने काशी विश्वनाथ धाम का यह नया स्वरूप 241 साल दुनिया के सामने आ रहा है। इतिहासकारों के अनुसार श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पर वर्ष 1194 से लेकर 1669 तक कई बार हमले हुए। 1777 से 1780 के बीच मराठा साम्राज्य की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। ढाई दशक बाद पीएम मोदी ने आठ मार्च 2019 को मंदिर के इस भव्य दरबार का शिलान्यास किया था।
करीब 12 बजे पीएम काशी विश्वनाथ धाम में प्रवेश करेंगे। अनुष्ठान 22 मिनट में संपन्न हो जाएगा। मंगलाआरती के बाद वैदिक विद्वान चारों वेदों की ऋचाओं और मंत्रों का पारायण शुरू हो जाएगा।
श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण रेवती नक्षत्र में होगा। राम मंदिर के लिए मुहूर्त तैयार करने वाले आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने बताया कि 13 दिसंबर को रेवती नक्षत्र में दिन में 1:37 बजे से 1:57 बजे तक 20 मिनट का शुभ मुहूर्त प्राप्त हुआ है। यह मुहूर्त हर दृष्टि से उत्तम है।
भारी संख्या में लोग इस पावन पल का साक्षी बनने के लिए काशी पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री जब बाबा श्री काशी विश्वनाथ का अनुष्ठान करेंगे उस दौरान 51 बटुक वेदों का सस्वर पाठ करेंगे।
पीएम मोदी काल भैरव मंदिर पहुंच चुके हैं। काल भैरव को काशी का कोतवाल कहा जाता है। पूजा करने के बाद प्रधानमंत्री जब बाहर निकले तो मौजूद लोगों ने उनका स्वागत किया।पर पीएम मोदी आरती कर रहे हैं।पीएम मोदी यहां से खिड़किया घाट के लिए निकलेंगे।काल भैरव मंदिर में पीएम के साथ सीएम भी मौजूद है।
प्रधानमंत्री मोदी का विशेष विमान वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर सुबह 10:15 बजे पहुंचा। पीएम की अगवानी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एयरपोर्ट पहुंचे।
पीएम मोदी आज काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण में लगे 2500 मजदूरों के साथ दोपहर का भोजन करेंगे। इसको लेकर बनारस में तैयारी की जा रही है।