
अपना पड़ोसी देश श्रीलंका दिवालिया हो चुका है। ऐसे में श्रीलंका अपने रिजर्व सोने का भंडार बेचकर देश को दिवालिया होने से बचा रहा है। श्रीलंका में विदेशी मुद्रा भंडार खत्म हो चुका है जिससे आयात पर बहुत बुरा असर हुआ है। श्रीलंका के प्रमुख अर्थशास्त्री ने भारत का उदाहरण देते हुए कहा है कि भारत भी एक वक़्त में अपने देश का सोना गिरवी रख चुका है।
श्रीलंका खुद को दिवालिया होने से बचाने के लिए सोना बेचने की स्थिति में पहुंच चुका है। श्रीलंका अपने देश का सोना बेचकर अपनी गिरती अर्थव्यवस्था को सहारा दे रहा है। श्रीलंका के केंद्रीय बैंक ने कहा है कि उन्होंने खत्म होते विदेशी मुद्रा के भंडार को देखते हुए अपने गोल्ड रिजर्व का एक हिस्सा बेच दिया है।
कम होते सोने के भंडार पर क्या बोले श्रीलंका के प्रमुख अर्थशास्त्री ?
श्रीलंका के प्रमुख अर्थशास्त्री और सेंट्रल बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर डॉ. डब्ल्यू. ए विजेवर्धने ने सोना बेचे जाने को लेकर श्रीलंका के अखबार डेली मिरर से बातचीत की। उन्होंने श्रीलंका की स्थिति की तुलना 1991 के भारत से की है जब भारत ने खुद को दिवालिया होने से बचाने के लिए सोना गिरवी रखा था। उन्होंने कहा, ‘सोना एक रिजर्व है जिसे किसी देश को डिफ़ॉल्ट के कगार पर होने पर अंतिम उपाय के रूप में उपयोग करना होता है। इसलिए जब कोई दूसरा उपलब्ध न हो तो सोने की बिक्री संयम से की जानी चाहिए। भारत ने भी 1991 में अपना सोना गिरवी रखा था।’
गवर्नर ने आगे कहा, ‘भारत की सरकार ने अपने देश से ये छुपाया लेकिन कहानी बाहर आई और सरकार की छवि खराब हुई लेकिन उस वक़्त के तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने बाद में लोकसभा में स्वीकार किया कि देश के पास इसके अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं था। तो श्रीलंका द्वारा आज सोने की बिक्री का मतलब है कि देश की स्थिति 1991 के भारत जैसी ही है।’
इससे पहले श्रीलंका ने आक्रामक रूप से सोना खरीदना शुरू किया जब गवर्नर कैबराल पिछले कार्यकाल में एजेंसी चला रहे थे। मालूम हो कि यह लगातार चौथा साल है जब श्रीलंका ने सोना बेचा है। 2009 में श्रीलंका ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 15.8 टन सोना खरीदा था। 2010 और 2011 में बेचने के बाद, कैब्राल ने 2012 में 3.6 टन सोना और 2014 में 9.3 टन सोना खरीदा। 2020 में भी केंद्रीय बैंक ने साल की शुरुआत 19.6 टन सोने के साथ 12.3 टन सोना बेचा। गवर्नर कैब्राल ने कहा कि सोने की बिक्री तरल भंडार को बढ़ावा देने के लिए थी।
भारत ने श्रीलंका को दी $500 मिलियन की क्रेडिट लाइन
भारत ने मंगलवार को श्रीलंका को पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद में मदद करने के लिए 500 मिलियन अमरीकी डालर की क्रेडिट लाइन की घोषणा की क्योंकि श्रीलंका राष्ट्र बड़े पैमाने पर ईंधन और ऊर्जा संकट से जूझ रहा है। भारत भोजन, आवश्यक वस्तुओं और दवाओं के आयात के लिए श्रीलंका को एक और 1 बिलियन डॉलर की लोन सुविधा प्रदान करने के लिए तैयार है। भारत ने हाल ही में श्रीलंका को 90 करोड़ डॉलर से अधिक की विदेशी मुद्रा सहायता प्रदान की थी। कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने कहा, “ये वक़्त श्रीलंका के साथ खड़े होने, श्रीलंका के आर्थिक विकास में योगदान करने और द्विपक्षीय आर्थिक और वाणिज्यिक साझेदारी को अधिक गति प्रदान करने का समय है।”