शुभम
इसका नतीजा ये हुआ की बरेली में कान्वेंट स्कूलों से नाम कटवाकर करीब 10 हजार बच्चो ने सरकारी स्कूलों में एडमिशन लिया है। इसके बाद अब डीएम नीतीश कुमार ने बरेली को देश-प्रदेश में नई पहचान दिलाने के लिए 2200 बीघा में ग्राम्यवन का आज नए साल पहले दिन शुभारंभ किया है। ग्राम्यवन से जहाँ वातावरण शुद्ध होगा तो वही वहां पिकनिक स्पॉट भी बनेगा। ये पार्क इको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा और हजारो लोगों के रोजगार का रास्ता भी खुलेगा।
इस अवसर पर आंवला के भाजपा सांसद धर्मेंद्र कश्यप ने अपने सम्बोधन में डीएम को इस परियोजना की परिकल्पना तथा उसे धरातल पर उतारने के लिए साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के विकास के रास्ते इस ग्राम्यवन से खुलेंगे। उन्होंने कहा कि वृक्ष हमारे जीवन का अनिवार्य हिस्सा हैं, जहां पेड़ पौधे नहीं होते हैं वहां सांस लेना भी कठिन हो जाता है। गांव हमारी सम्पदा हैं, इनका विकास वास्तव में सबका विकास है। यह विकास सबके लिए है।
जिलाधिकारी नितीश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि बरेली में करीब 500 हेक्टेयर भूमि चिन्हित कर ली गई है जिसका वनीकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष जुलाई तक जनपद में करीब तीन लाख से अधिक पौधे रोपे जाने का लक्ष्य रखा गया है। डीएम नितीश कुमार ने मंझा ग्राम्यवन के बारे में बताया कि इसे एकदम आदर्श स्थितियों में विकसित किया जाएगा और जल्दी ही यह बरेली की पहचान बन जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां की प्राकृतिक छटा को नई तकनीक से निखारा जाएगा। भूमि संरक्षण के साथ ही स्थानीय पर्यावरणीय स्थितियों के अनुरूप यहां पौधे लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही यह एक विख्यात इको पर्यटन स्थल का रूप ले लेगा। उनके अनुसार ग्राम्यवन की परिकल्पना को साकार करने वाला इतना विशाल ग्राम्यवन बरेली का ही नहीं उत्तर प्रदेश का पहला ग्राम्यवन है।
डीएम नितीश कुमार ने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत इसमें कार्य कराया जाएगा। इससे यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। इस परियोजना के लिए किसी बजट की मांग नहीं की गई है। किसी अतिरिक्त धनराशि की मांग नहीं की गई । जिला प्रशासन के उपलब्ध संसाधनों के समन्वय से इसे तैयार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मनरेगा, कृषि, वन, भूमि संरक्षण, मत्स्य, सिंचाई, हार्टीकल्चर, पशु पालन आदि विभागों से इसे विकसित करने में सहयोग लिया जाएगा। जिलाधिकारी ने बताया कि इस ग्राम्य वन में अगले पांच वर्षों में 150 हेक्टेयर क्षेत्र में एक लाख 85 हजार पौधे रोपे जाएंगे।
यहां सरोवर, मिनी गौ शाला, लैंडस्केप, वाकिंग ट्रैक और उद्यान भी विकसित किया जाएगा। यहां दस हेक्टेयर में मियांवाकी पैटर्न पर वृक्षारोपण किया जाएगा जिसके बीच एक वॉकिग ट्रैक भी बनाया जाएगा। यह पूरा क्षेत्र बेहद आतर्षक एवं अपने आपमें एकदम अनोखा होगा। प्राकृतिक लैंड स्केपिंग के साथ ही यहां की पर्यावरणीय स्थितियों के अनुसार फलदार एवं औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। इसके अंदर छोटी छोटी नहरें भी बनाई जाएंगी जो सिंचाई के साथ ही यहा की प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ाएंगी। उन्होंने बताया कि ग्राम्यवन में आवश्यकताओं के अनुरूप न्यूनतम निर्माण कार्य किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी चंद्र मोहन गर्ग ने मंझा ग्राम्यवन की परिकल्पना के लिए जिलाधिकारी नितीश कुमार की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने सभी विभागों को जोड़ कर इसे धरातल पर उतारा है वह उनकी प्रशासनिक क्षमता को दर्शाता है। जिला वन अधिकारी के अतिरिक्त अन्य अधिकारियों ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए।