कर्नाटक हाई कोर्ट की कलबुर्गी बेंच ने एक एसएचओ को एक सप्ताह तक थाने के सामने वाली सड़क की सफाई करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने यह आदेश एसएचओ को इसलिए सुनाया क्योंकि एसएचओ ने एक महिला की एफआईआर दर्ज ना की.
जस्टिस एस सुनील दत्त यादव और जस्टिस पी कृष्णा की बेंच ने 55 वर्षीय ताराबाई की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है. इसके साथ ही बेंच ने पुलिस के काम करने के तरीके पर भी कड़ी टिप्पणी की.
दरअसल, कलबुर्गी तालुक की रहने वालीं ताराबाई का बेटा सुरेश 20 अक्टूबर को लापता हो गया था. इसी बात को लेकर वो अपनी शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंची थीं, पर एसएचओ ने एफआईआर ही दर्ज नहीं की. उसने यह कहकर टाल दिया कि ये मामला क्षेत्र के बाहर का है.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एसएचओ ने खुद ये बात मानी है कि ताराबाई अपने बेटे के लापता होने की शिकायत लेकर उनसे थाने में मिली थीं. कोर्ट ने कहा कि एसएचओ को ताराबाई की शिकायत फ़ौरन दर्ज कर लेनी थी. मामला क्षेत्र से बाहर का होने पर उन्हें मामला संबंधित पुलिस थाने को भेजना चाहिए था, लेकिन इन्होंने कुछ भी न करके ताराबाई को वापस लौटा दिया।
इसके साथ ही कोर्ट ने जिला पुलिस अधीक्षक को “जीरो एफआईआर” के विषय पर जिले के भीतर काम करने वाले सभी पुलिस अधिकारियों के लिए एक वर्कशॉप आयोजित करने का भी आदेश दिया है.