सुप्रीम कोर्ट में महिलाओं की बड़ी जीत; सेना में मिला परमानेंट कमीशन, जाने पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भारतीय सेना में कार्यरत महिला अधिकारियों को बड़ी जीत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने 39 महिला अफसरों को परमानेंट कमीशन देने का आदेश जारी किया है और केंद्र सरकार को कहा है कि इससे संबंधित आदेश को सात दिनों के अंदर जारी किया जाए।  

दरअसल पिछले दिनों शॉर्ट सर्विस कमीशन की महिला अधिकारियों के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जिसमें स्थायी कमीशन देने की मांग की गई थी। जिसके बाद न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से इस मसले पर अपना जवाब मांगा था और अपने स्तर से इस मामले का निपटारा करने के लिए कहा था।

भारीतय सेना की महिला अधिकारियों ने 25 मार्च 2021 को सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए फैसले की अवमानना करने को लेकर याचिका दायर की थी। जिसमें कहा गया था कि जिन महिला अधिकारियों को स्पेशल सेलेक्शन बोर्ड में 60 फीसदी अंक मिले हैं और जिनके खिलाफ डिसिप्लिन और विजिलेंस के मामले नहीं हैं. उन महिला अधिकारियों को सेना में परमानेंट कमीशन दी जाए।  

जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने बताया कि कुल 72 महिला अधिकारियों में से एक ने सर्विस रिलीज करने की अर्जी दी है। बाकी 71 अधिकारियों में से 39 अधिकारियों को स्थायी कमीशन के योग्य माना गया है। इसलिए उन्हें कमीशन दिया जा सकता है। बाकी 25 के खिलाफ अनुशासनहीनता के मामले हैं और 7 महिला अधिकारियों को चिकित्सीय रूप से अनफिट पाया गया है।

बता दें कि परमानेंट कमीशन मिलने के बाद अब ये महिला अधिकारी सेवानिवृत्ति की उम्र तक भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे सकेंगी। जबकि शॉर्ट सर्विस कमीशन के अंतर्गत महिला अधिकारी सिर्फ 10 साल तक ही अपनी सेवाएं दे सकती हैं। इसके बाद उन्हें भारतीय सेना में परमानेंट कमीशन छोड़ने या चुनने का विकल्प दिया जाता है। परमानेंट कमीशन नहीं मिलने की स्थिति में महिला अधिकारियों को चार साल के सेवा विस्तार का मौका दिया जाता है।

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