बिहार के मुजफ्फरपुर के जूरन छपरा स्थित आई हॉस्पिटल में हुए मोतिया बिंद के ऑपरेशन में 65 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है। बता दें कि यह ऑपरेशन 22 नवंबर को हुआ था। हालत इस कदर गंभीर है कि 12 लोगों की आंखें तक निकालनी पड़ी। इसको लेकर अब विपक्ष सत्ता पक्ष पर हमलावर है।
बता दें कि मोतिया बिंद ऑपरेशन के एक हफ्ते बाद ही लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। करीब दो दर्जन लोगों की आंखों में इंफेक्शन हो गया। इंफेक्शन इस तरह बढ़ा कि उनकी आंखें निकालनी पड़ी।
इसको लेकर राजद नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपने एक ट्वीट में लिखा, “देश की सबसे बदहाल और फिसड्डी बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था का एक नजारा देखिए। मुजफ्फरपुर में 65 लोगों की आँखों का ऑपरेशन किया गया, 1 ही टेबल पर सबका ऑपरेशन, रोशनी तो दूर की बात, सभी की आँखें निकालनी पड़ी। मुख्यमंत्री जी और भाजपाई स्वास्थ्य मंत्री को जनता कोई लेना-देना नहीं।”
हालांकि इस ऑपरेशन का मामला गरमाता देख अधिकारियों ने आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग की तीन सदस्यीय टीम बनाई है। वहीं राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि मुजफ्फरपुर आई कैंप मामले में जांच के आदेश दिये गए हैं। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसपर सख्त कार्रवाई होगी।
फर्जीवाड़े का अंदेशा: माना जा रहा है कि ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर की लापरवाही के चलते लोगों की आंखों में इन्फेक्शन फैल गया। जिसके चलते उन्हें आंखों की रोशनी खोनी पड़ी। वहीं मिली जानकारी के मुताबिक मोतिया बिंद का ऑपरेशन करने के लिए डॉ एनडी साहू कॉन्ट्रैक्ट पर आये थे। जिन्होंने आई हॉस्पिटल में एक भी ऑपरेशन नहीं किया था। लेकिन आई-हॉस्पिटल में घटना के दिन से 27 नवंबर तक वो ऑपरेशन करते रहे। लोगों को इस मामले में फर्जीवाड़े का अंदेशा लग रहा है।
राज्य की समस्याओं पर बिहार सरकार पर बरसते हुए आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने एक ट्वीट में कहा, “डबल इंजन सरकार के ट्रबलधारी रहनुमाओं, बिहार में कम से कम किसानों की तो दुर्दशा को जानिए, पहचानिए और समझिए! वैसे उनकी समस्याओं को दूर करने में ना आपमें सामर्थ्य है, ना समझ और ना इच्छाशक्ति। अगर आप किसान को बीज और खाद ही उपलब्ध नहीं करा पा रहे है तो किस बात का सरकार और डबल इंजन?”