आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने भाजपा शासित एमसीडी में सक्रीय बिल्डिंग डिपार्टमेंट माफिया का आज पर्दाफांस किया। उन्होंने कहा कि बिल्डिंग का लेंटर डालने के बदले रिश्वत लेते हुए भाजपा के एक पार्षद दस लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़े गए। सीबीआई ने गलती से रिश्वत लेते हुए भाजपा पार्षद को पकड़ा था और इसीलिए सीबीआई ने यह बात सभी से छिपा दी। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एमसीडी ने बिल्डिंग बायलाॅज को जानबूझ कर बहुत जटिल बनाया है, इसलिए किसी के लिए भी नियमानुसार बिल्डिंग बनाना आसान नहीं है। ईमानदार से ईमानदार व्यक्ति को भी मकान बनाने के लिए एमसीडी को रिश्वत देनी ही पड़ती है, इसके अलावा कोई विकल्प ही नहीं है। उन्होंने कहा कि एमसीडी का बिल्डिंग डिपार्टमेंट माफिया बेलदार से लेकर पार्षद तक चलता है। उन्होंने भाजपा से सवाल करते हुए कहा कि भाजपा बताए कि पार्षद जो करोड़ों रुपए इकट्ठा करके लाते हैं, वे उस पैसे को किस-किस को देते हैं।
आम आदमी पार्टी द्वारा भाजपा के भ्रष्टाचार का खुलासा करने के लिए शुरू की गई भाजपा-181 मुहिम के तहत भाजपा की सातवीं लूट की स्कीम का खुलासा करते हुए आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा की इस स्कीम के तहत नगर निगम के तमाम अधिकारी और भाजपा के निगम पार्षद एक गिरोह के रूप में काम करते हैं। जिस प्रकार से एक कंपनी या माफिया का गिरोह काम करता है, भाजपा की लूट की इस स्कीम में भी नगर निगम के संरक्षण तले बिल्डिंग माफिया काम करता है। उन्होंने कहा कि यह गिरोह इतना संगठित है कि जानबूझकर दिल्ली के रिहायशी इलाकों में मकान बनाने को लेकर जो नियम कानून बनाए गए हैं, वह इतने मुश्किल बनाए गए हैं कि उन कानूनों के तहत यदि कोई व्यक्ति दिल्ली में घर बनाना चाहे तो वह असंभव है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मैं दिल्ली की एक विधानसभा का विधायक होने के नाते पूरी जिम्मेदारी के साथ इस बात को कह रहा हूं कि यदि आपको दिल्ली में अपना मकान बनाना है, तो आप चाहे कितने ही इमानदार क्यों न हो, आप चाहे कितने ही कानून पालक क्यों न हो, बिना एमसीडी को पैसा दिए आप अपना घर बना ही नहीं सकते, आपके पास घर बनाने के लिए कोई दूसरा रास्ता है ही नहीं। उन्होंने बताया कि नगर निगम ने क्षेत्र के हिसाब से मकान बनाने के एवज में ली जाने वाली रकम तय की हुई है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मैं ग्रेटर कैलाश क्षेत्र में रहता हूं, उस क्षेत्र में यदि किसी को अपना मकान बनाना है, तो एक लिंटर डालने के लिए नगर निगम को 2.5 लाख रुपए की रिश्वत देनी पड़ती है। अर्थात यदि आपको चार लिंटर डालने हैं तो 10 लाख रुपए की रिश्वत नगर निगम को देनी पड़ेगी। इस भ्रष्टाचार से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए सौरभ भारद्वाज ने बताया कि इस रिश्वत के पैसे को लेने के लिए नगर निगम में कार्यरत कच्ची नौकरी वाले बेलदारों को भेजा जाता है। क्योंकि यदि पकड़ा भी गया तो कोई अधिकारी या भाजपा का नेता नहीं फंसेगा। उन्होंने कहा कि एक बेलदार की इतनी हिम्मत हो ही नहीं सकती कि वह किसी व्यक्ति से मकान बनाने के एवज में 10 लाख रुपए की रिश्वत मांग सकें, और यदि मान भी लिया जाए कि वह रिश्वत लेता है, तो ऐसा कैसे हो सकता है कि भाजपा के क्षेत्रीय निगम पार्षद, नगर निगम में बैठे जे.ई. एवं ए.ई. तथा अन्य अधिकारियों को इस बात की जानकारी ही नहीं होती। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यदि आप पैसे नहीं दोगे, तो आपके घर का निर्माण रुकवा दिया जाएगा, नगर निगम की ओर से आप को नोटिस भेजा जाएगा, आपके घर की सीलिंग कर दी जाएगी, आपके घर की बिजली और पानी के कनेक्शन काट दिए जाएंगे, अर्थात व्यक्ति को इतना डरा दिया जाता है कि उसके पास पैसे देने के अलावा और कोई दूसरा रास्ता बचता ही नहीं है। साथ ही साथ उन्होंने यह भी बताया कि पैसे की उगाही करने के लिए सामान्य तौर पर स्थानीय दलालों या नगर निगम में कार्यरत बेलदारों का इस्तेमाल किया जाता है।
सौरभ भारद्वाज ने नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी के भ्रष्टाचार को उजागर करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने पिछली बार दिल्ली नगर निगम के चुनाव में एक नारा दिया था, नए चेहरे नई उड़ान और इन नए निगम पार्षदों ने पिछले वालों के भ्रष्टाचारियों के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। भाजपा द्वारा पूर्व में किए गए तमाम भ्रष्टाचारों में आज एक बहुत बड़ा सम्मान शामिल हुआ है। क्योंकि यह निगम पार्षद नए हैं, तो इन लोगों ने अपना दिमाग लगाया और सोचा की बेलदार को पैसों की उगाही करने के लिए क्यों भेजा जाए। यदि बेलदार को भेजा जाएगा तो उसका हिस्सा निगम के अन्य अधिकारियों को भी देना पड़ेगा और हमारे हाथ कम हिस्सा आएगा। उन्होंने बताया कि इसी सोच के तहत भारतीय जनता पार्टी के वसंत कुंज वार्ड 69 एस दक्षिणी दिल्ली नगर निगम से पार्षद मनोज महलावत ने खसरा नंबर 644 में हो रहे निर्माण कार्य के लिए 10 लाख रुपए की रिश्वत मांग ली। इस भ्रष्टाचार पर पूरी जानकारी देते हुए सौरभ भारद्वाज ने बताया कि जब इस निर्माण कार्य की जानकारी नगर निगम को मिली तो 23 नवंबर 2019 को वहां के क्षेत्रीय ए. ई. संजीव अरोड़ा ने, जगह के मालिक को एक नोटिस भेज दिया। नोटिस देने के बाद मकान मालिक से सौदेबाजी की गई। उन्होंने बताया कि आप सब को जानकर हैरानी होगी कि सौदेबाजी खुद भाजपा के निगम पार्षद मनोज मेहलावत जी कर रहे थे।
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि जिस व्यक्ति के साथ सौदेबाजी की जा रही थी, उसकी सरकार में बड़े अधिकारीयों से पहचान थी। एक बड़े अधिकारी ने सीबीआई को इस बात की जानकारी दी कि नगर निगम का एक इंजीनियर मुझसे 10 लाख रुपए की रिश्वत मांग रहा है। सीबीआई ने एमसीडी का जे.ई. समझ कर उसको पकड़ने के लिए जाल बिछाया। इस भ्रष्टाचार की सबसे महत्वपूर्ण बात बताते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कल शाम करीब 7.00 बजे भाजपा के निगम पार्षद मनोज मेहलावत सीबीआई द्वारा रंगे हाथों 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़े गए। पकड़े जाने के बाद मनोज मेहलावत ने भागने की कोशिश की, जिसकी वजह से आसपास में काफी हलचल हो गई और आसपास के लोगों को इस भ्रष्टाचार के बारे में पता चल गया। इस मामले में बेहद आश्चर्य करने वाली जानकारी पत्रकारों से साझा करते हुए सौरभ भारद्वाज ने बताया कि सीबीआई को बाद में पता चला कि वह भाजपा का निगम पार्षद है, जिसके लिए सीबीआई को ऊपर से बहुत फटकार पड़ी। यही कारण है कि कल शाम की प्रेस विज्ञप्ति में सीबीआई ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि उन्होंने भाजपा के एक निगम पार्षद को रंगे हाथों 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। उन्होंने कहा कि मैंने बहुत से प्रतिष्ठित पत्रकारों से भी इस संबंध में बात की तो पता चला, कि किसी को भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह बात समझ के बिल्कुल ही परे है कि आखिर सीबीआई ने भाजपा के भ्रष्ट निगम पार्षद की जानकारी क्यों छुपाई? क्यों नहीं सीबीआई ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में यह बताया कि भ्रष्टाचार में पकड़ा गया व्यक्ति भाजपा का निगम पार्षद है? उन्होंने कहा यही नहीं, आज जब उसे अदालत में पेश किया गया, तो इस संबंध में किसी मीडिया को, किसी पत्रकार को जानकारी नहीं दी गई। यदि आम आदमी पार्टी के किसी व्यक्ति को झूठे केस में भी पकड़ लिया जाता है, तो पूरा मीडिया समस्त पत्रकार वहां मौजूद होते हैं। परंतु बड़ी विचित्र बात है कि भाजपा का एक निगम पार्षद 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया परंतु किसी को कानों कान खबर नहीं होने दी गई।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पहले जब कभी हम भाजपा शासित नगर निगम पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते थे, तो भाजपा के हमारे साथी इस बात से नाराज होते थे, हम पर मानहानि का केस करने की बात कहते थे। परंतु आज भगवान ने दिखा दिया की इनका कोई मान ही नहीं है तो हानि कहां से होगी। आज भाजपा के निगम पार्षद रंगे हाथों लाखों रुपए की रिश्वत लेते पकड़े जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज आप दिल्ली के किसी भी कोने में चले जाइए, अपने दोस्तों से, रिश्तेदारों से, पड़ोसियों से, किसी से भी पता कर लीजिए, कोई भी व्यक्ति बता देगा कि मकान बनाने के लिए नगर निगम को पैसा देना पड़ता है। इतने भ्रष्टाचार के बावजूद भी भाजपा का शीर्ष नेतृत्व बड़ी ही बेशर्मी के साथ कहता है कि सब कुछ सही चल रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा संभव हो सकता है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी इस भ्रष्टाचार में बराबर का हिस्सेदार हो। मीडिया के माध्यम से भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से प्रश्न पूछते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता आए और देश की जनता को बताएं कि क्या उन्हें नहीं मालूम कि दिल्ली में मकान बनाने के लिए नगर निगम को लाखों रुपए की रिश्वत देनी पड़ती है? और यदि उन्हें मालूम है तो अब तक किसी प्रकार की कोई सख्त कार्यवाही क्यों नहीं की गई?