अरविंद केजरीवाल ने गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों को एक बार फिर से धोखा दिया है-आदेश गुप्ता
केजरीवाल सरकार द्वारा गरीबों को किराए का भुगतान न करने के खिलाफ भाजपा प्रदर्शन करेगी
उच्च न्यायालय का केजरीवाल सरकार से सीधा सवाल-“क्या 5 प्रतिशत तो छोड़िए एक प्रतिशत के भुगतान की भी नीयत है आपकी?”
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि सोमवार को न्यायालय में दिल्ली सरकार के लॉकडाउन के दौरान गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों के मकान के किराए देने के बयान पर स्पष्टिकरण दिया गया कि केजरीवाल का कोई इस प्रकार का वायदा नहीं था। लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए तो उस वक्त शर्मनाक स्थिति थी जब मुख्यमंत्री के बयान की रिकॉर्डिंग कोर्ट में सुनाई गई। न्यायालय ने इस पर सवाल किया कि आपकी नीयत किराए के भुगतान की नहीं है पर फिर भी आपने ऐसा वायदा किया। क्या हमें इसे रिकॉर्ड करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या वह किश्तों में भुगतान करने को तैयार है? लेकिन इस पर दिल्ली सरकार के वकील ने साफ शब्दों में कहा कि केजरीवाल सरकार के शब्दों में ‘वादा(Promise)’ शब्द कभी नहीं था। दिल्ली के लोगों को किराए देने का कोई वादा नहीं किया था। इतनी बड़ी साजिश और केजरीवाल सरकार के एक और झूठ के खिलाफ प्रदेश भाजपा इस 30 तारीख को विरोध प्रदर्शन करेगी और मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेगी।
श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि 29 मार्च 2020 को लॉकडाउन में मकान किराए को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का एक और झूठा बयान उजागर हो चुका है। न्यायालय ने इससे पहले एक सुनवाई में 6 हफ्ते का समय दिया था और सरकार से पॉलिसी बनाने के लिए कहा था। लेकिन उस पर सरकार का रवैया बिल्कुल ही नीरस रहा था जिसके बाद सोमवार को हुई सुनवाई में न्यायालय ने कहा कि क्या आपकी नीयत किराए के 5 प्रतिशत तो दूर एक प्रतिशत भी भुगतान की है? अगर है तो पॉलिसी बनाए, हजारों लोग कतार में दिखेंगे।
श्री गुप्ता ने कहा कि अपनी कमियों को छिपाने के लिए दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिवक्ता ने उच्च न्यायालय के डबल बेंच से यह कहा कि अभी तक हमें किसी ने इस बारे में संपर्क नहीं किया कि हमारा किराया दे दो। लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि आखिर क्या मजबूरी है कि दिहाड़ी मजदूर किराया लेने के लिए न्यायालय में याचिका दायर करते हैं। केजरीवाल सरकार एक तरफ संपर्क ना करने का झूठा आरोप दिहाड़ी मजदूरों पर लगाती है और दूसरी तरफ जब यही दिहाड़ी मजदूर किराए के लिए याचिका दायर करते हैं तो उस याचिका का केजरीवाल सरकार विरोध करने लगती है।
उन्होंने कहा कि भाजपा का स्पष्ट सवाल है कि आखिर केजरीवाल चाहते क्या हैं,अपनी मंशा स्पष्ट करें। गरीब और दिहाड़ी मजदूरों को किराया देने के पक्ष में हैं या नहीं या फिर अभी तक किए झूठे वायदें की लिस्ट में यह भी वायदा शामिल हो चुका है। न्यायालय का कहना था कि मुख्यमंत्री जैसे पद पर बैठे व्यक्ति का इस तरह का वक्तव्य एक वायदा है, जिसे कानूनी तौर पर लागू करना चाहिए। इसे बिना किसी उचित कारण के नहीं तोड़ा जाना चाहिए।
श्री गुप्ता ने कहा कि ऐसा भी नहीं है कि दिल्ली सरकार के पैसे की कोई कमी है। एक आरटीआई के अनुसार, जून महीने से अभी तक लाखों रुपये सिर्फ केजरीवाल अपने दूसरे राज्यों में प्रचार-प्रसार के लिए यातायात में खर्च कर डाले हैं। इस मौके पर प्रदेश महामंत्री श्री कुलजीत सिंह चहल प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष श्री राजन तिवारी प्रदेश प्रवक्ता श्री हरीश खुराना एवं श्रीमती ममता काले उपस्थित थी।