एमसीडी में अपनी हार देख भाजपा बौखलाई, कर्मचारियों के मुद्दे पर सदन में नहीं होने दी चर्चा, लोकतंत्र को किया तार-तार- विकास गोयल*
*- नार्थ एमसीडी के मेयर को चर्चा के लिए कल हमने नोटिस दी थी, फिर भी उन्होंने हमें बोलने का मौका नहीं दिया- विकास गोयल*
*- भाजपा के कुछ पार्षद सदन में शराब की बोतलें भी लेकर आए थे और विरोध करने पर ‘आप’ महिला पार्षदों के साथ बदसलूकी की- विकास गोयल*
*- सदन में मेयर के किए गए व्यवहार का आम आदमी पार्टी कड़े शब्दों में निंदा करती है- विकास गोयल*
*- भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता और मेयर में जरा भी नैतिकता होती, तो वे अब तक इस्तीफा दे चुके होते- विकास गोयल*
नार्थ एमसीडी में आम आदमी पार्टी के नेता विपक्ष विकास गोयल ने सदन में भाजपा द्वारा कर्मचारियों के मुद्दे पर चर्चा नहीं होने देने पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि एमसीडी में अपनी हार देखकर भाजपा बौखला गई हैं। इसलिए कर्मचारियों के मुद्दे पर सदन में चर्चा नहीं होने दी, जबकि कल हमने मेयर को चर्चा के लिए नोटिस दी थी, फिर भी उन्होंने हमें बोलने का मौका नहंी दिया और लोकतंत्र को तार-तार कर दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा के कुछ पार्षद सदन में शराब की बोतलें भी लेकर आए थे और विरोध करने पर ‘आप’ महिला पार्षदों के साथ बदसलूकी की। सदन में मेयर के किए गए व्यवहार का आम आदमी पार्टी कड़े शब्दों में निंदा करती है। भाजपा ने अपने 15 साल के शासन में दिल्ली को सबसे गंदा शहर बना दिया, यही उसकी उपलब्धि है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता और मेयर में अगर जरा भी नैतिकता होती, तो वे अब तक इस्तीफा दे चुके होते।
नार्थ एमसीडी में आम आदमी पार्टी के नेता विपक्ष विकास गोयल ने कहा कि सभी को पता है कि नगर निगम में बुरे हालात चल रहे हैं। कर्मचारियों को दो-दो तीन-तीन महीने से सैलरी नहीं मिल रही है। आज दिल्ली में डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया फैला हुआ है और लोगों को इस समय अस्पतालों की जरूरत है। लेकिन इस वक्त एमसीडी के सभी डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिक्स स्टाफ हड़ताल पर बैठे हुए हैं। शिक्षक और सफाई कर्मचारी वेतन नहीं मिलने से परेशान हैं। जिन कर्मचारियों ने अपनी पूरी जिंदगी एमसीडी को दी और आज सेवानिवृत्त हो गए हैं, उनकी आय का कोई साधन नहीं है और वे पेंशन पर ही अपना गुजारा करते हैं। उनको तीन-तीन महीने से पेंशन नहीं मिल रही है। उनके बिल कैश नहीं हो रहे हैं। रिटायर्ड कर्मचारियों को ग्रेच्युटी, जीपीएफ के पैसे नहीं मिल रहे हैं। आज इन सब गंभीर मुद्दों पर हम चर्चा करना चाहते थे। कर्मचारियों के बार-बार हड़ताल पर जाने से दिल्ली की जनता भी परेशान है।
विकास गोयल ने कहा कि सदन में चर्चा के लिए हमने 24 घंटे पहले कल मेयर को नोटिस देकर सूचना भी दे दी थी। लेकिन बड़ी हैरानी की बात है कि भारतीय जनता पार्टी एमसीडी में अपनी होने वाली हार को देखकर शायद इतना घबरा गई है कि उन्होंने हमें बोलने का मौका ही नहीं दिया। जैसे ही मैं खड़ा हुआ, वैसे ही दो बार हाउस को स्थगित कर दिया। मुझे बोलने नहीं दिया गया। हमें तो कर्मचारियों को सैलरी दिलाने की मांग वाली तख्ती भी नहीं लेकर जाने दे रहे थे, लेकिन वे वहां पर शराब की बोतलें लेकर आए हुए थे। वे शराब की बोतलें लहरा रहे थे और भाजपा के एक-दो पार्षद के मुंह से शराब की बदबू भी आ रही थी। लग रहा था कि वे शराब पीकर आए हैं।
भाजपा के पार्षदों ने पहले मेरे साथ बदसलूकी की। इसके बाद शराब की बोतलें लहरा रहे भाजपा के पार्षदों ने हमारी महिला पार्षदों के साथ भी बदतमीजी की। भाजपा के पार्षद उनको शराब पीने को बोल रहे थे। इस बात पर हमारे विधायक महेंद्र गोयल ने विरोध किया था, तो उनके साथ भाजपा पार्षदों ने हाथापाईं भी की।
विकास गोयल ने कहा कि आज लगता है कि लोकतंत्र के इस मंदिर में भाजपा ने लोकतंत्र को तार-तार कर दिया। महापौर की एक गरिमा होती है और उनका कर्तव्य होता है कि वे हाउस को चलाएं। जब वो मेयर बन जाते हैं, तो फिर एक पार्टी के मेयर नहीं होते हैं, बल्कि सभी पार्टियों के मेयर होते हैं। उनका कर्तव्य है कि सभी सदस्यों को बोलने का बराबर मौका दें, उनकी बात सुनें और हाउस को चलाएं।
लेंकिन आज उन्होंने इतना बुरा व्यवहार किया है कि ऐसा लगा कि एमसीडी की सदन की जगह भाजपा की कोई बैठक चल रही है। मैं इसकी कड़ी शब्दों में निंदा करता हूं। साफ-साफ दिख रहा है कि तीन महीने बाद एमसीडी का जो चुनाव आने वाला है, उसमें भाजपा अपनी हार को देखकर बुरी तरह से बौखला गई है और बुरी तरह से घबराई हुई। आज हम उनकी 15 साल की तानाशाही पर बात करना चाहते थे। उनकी 15 साल की उपलब्धि यह है कि आज पूरे एमसीडी के कर्मचारी की फेडरेशन यह धमकी दे रही है कि दो-तीन दिन में सभी कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे। अगर ऐसा होता है, तो दिल्ली का क्या हाल होगा।
भाजपा शासित एमसीडी की उपलब्धि यह है कि स्वच्छता के मामले में 48 में से 45वें स्थान पर सर्वे में आई है। भाजपा ने 15 साल के शासन में दिल्ली को सबसे गंदा शहर बना दिया। यह भाजपा की उपलब्धि है। भाजपा के मेयर और प्रदेश अध्यक्ष को शर्म आनी चाहिए। आदेश गुप्ता प्रदेश अध्यक्ष बाद में बने हैं, पहले वे नार्थ एमसीडी के सदस्य रहे हैं और नार्थ एमसीडी के पार्षद हैं। लेकिन वे कभी जनता की समस्या नहीं उठाते हैं। अगर इनमें जरा सी भी नैतिकता होती, तो ये अब तक अपना इस्तीफा दे चुके होते।