संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर के 132 प्लॉट्स को औने-पौने दामों में बेचने की तैयारी में भाजपा शासित एमसीडी*
*- 132 प्लॉट्स में से 94 प्लॉट्स अस्पताल, शौचालय, पार्क, फूड जोन्स, नाइट शेल्टर आदि सामुदायिक सुविधाओं के लिए आवंटित थे- दिलीप पांडेय*
*- ज़मीन के जिस टुकड़े से इनके राजस्व की आमदनी हो सकती थी उसको यह लोग बेचने जा रहे हैं- दिलीप पांडेय*
*- भाजपा, एमसीडी के आगामी चुनाव में सूपड़ा साफ होने के डर से सबकुछ बेचकर अपनी तिजोरी भरने में लगी है- दिलीप पांडेय*
*- मेरी भाजपा से गुजारिश है कि जाते-जाते ईमानदारी से बस इतना बता दीजिए कि किसकी जेब में कितना पैसा गया है- दिलीप पांडेय*
*- आम आदमी पार्टी निगम में आने के बाद भाजपा के सभी घोटालों की जांच कराकर सभी दोषियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाएगी- दिलीप पांडेय*
*- भाजपा ने स्कूल और अस्पताल की ज़मीने तक नहीं छोड़ी, सबकुछ प्राइवेट माफियाओं को बेचकर सिर्फ और सिर्फ कमीशनखोरी करने में लगी- विकास गोयल*
‘आप’ विधायक दिलीप पांडेय ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर के 132 प्लॉट्स को औने-पौने दामों में बेचने की तैयारी में है। इन 132 प्लॉट्स में से 94 प्लॉट्स अस्पताल, शौचालय, पार्क, फूड जोन्स, नाइट शेल्टर आदि जैसे सामुदायिक सुविधाओं के लिए आवंटित थे। ज़मीन के जिस टुकड़े से इनके राजस्व की आमदनी हो सकती थी उसको यह लोग बेचने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एमसीडी के आगामी चुनाव में सूपड़ा साफ होने के डर से भाजपा सबकुछ बेचकर अपनी तिजोरी भरने में लगी है। मेरी भाजपा से गुजारिश है कि जाते-जाते ईमानदारी का एक छोटा सा काम कर दीजिए। बस इतना बता दीजिए कि किसकी जेब में कितना पैसा गया है। प्रेसवार्ता में मौजूद नॉर्थ एमसीडी के एलओपी विकास गोयल ने दिलीप पांडेय की बात से सहमति जताई और कहा कि भाजपा ने स्कूल और अस्पताल की ज़मीने तक नहीं छोड़ी। सबकुछ प्राइवेट माफियाओं को बेचकर सिर्फ और सिर्फ कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार करने में व्यस्त है।
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता, विधायक और विधानसभा में चीफ व्हिप दिलीप पांडेय ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज हम भाजपा शासित एमसीडी द्वारा जनता की जेब पर एक और अत्याचार को आपके सामने रखेंगे। नॉर्थ एमसीडी में भारतीय जनता पार्टी शासित एमसीडी ने संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में कुल 132 प्लॉट्स को औने-पौने दामों पर बेचने की तैयारी कर रखी है। औने-पौने दाम का मतलब सर्कल रेट पर बेचने जा रहे हैं। आप सभी जानते हैं कि पूरी दिल्ली में आपको सर्कल रेट पर ज़मीन नहीं मिलने वाली है।
इसकी वजह क्या है? क्यों एमसीडी 132 प्लॉट्स को सस्ते दामों पर बेचने जा रही है, उसपर बात करते हैं। भारतीय जनता पार्टी को अब यह स्पष्ट हो चुका है कि आगामी चुनाव में उनका सूपड़ा साफ होने वाला है। उनकी हरकतों की वजह से चुनाव से पहले ही दिल्ली की जनता उन्हें लगभग नकार चुकी है। और अब जबकि उनका जाना तय है, लूट-खसोट और भ्रष्टाचार के जरिए, जो कुछ भी शेष रह गया हो 15 सालों की लूट के बाद, उसे भी लूटकर अपनी जेब गर्म करने की, तिजोरी भरने की तैयारी चल रही है।
उन्होंने कहा कि मैं आपको बताना चाहूंगा कि इन 132 प्लॉट्स में से 94 प्लॉट्स ऐसे हैं जो सामुदायिक सुविधाओं के लिए थे। इन 94 प्लॉट्स पर या तो शौचालय बनना तय था, पार्क बनना तय था, फूड जोन्स बनना था, ट्रांसपोर्ट नगर के अंदर नाइट शेल्टर बनना तय था। एमसीडी ने इन 94 प्लॉट्स को भी अपनी लूट में शामिल कर लिया। ऐसा नहीं है कि ऐसी घिनोनी हरकत यह लोग पहली बार कर रहे हैं। ज़मीन के जिस टुकड़े से इनके राजस्व की आमदनी हो सकती थी उसको यह लोग बेचने जा रहे हैं।
कितने ही स्कूल और हेल्थ सेंटर के लिए डीमार्क ज़मीन के टुकड़े इन्होंने पार्किंग माफियाओं को सौंप दिया। नॉवल्टी सिनेमा की ज़मीन जिसकी मार्केट वेल्यू 150 करोड़ थी, उसे सिर्फ 36 करोड़ में बेच दिया। आज तक पता नहीं चला, किसकी जेब में कितना गया। गाजी मैदान, शीला मार्केट की जगह और ऐसी तमाम जगह हैं जिन्हें भाजपा, निगम में कभी लौटकर न आने के अंदेशे से बेचकर खा जाना चाहती है। यह लोग सबकुछ बेच रहे हैं। इमारतें बेच रहे हैं, प्लॉट्स बेच रहे हैं। या तो यह होता कि यह सब बेचकर निगम के आधीन काम करने वाले कर्मचारियों की तनख्वाह दे रहे हैं, वह भी नहीं हो रहा है। आज की तारीख में निगम के अध्यापक हड़ताल प्रदर्शन कर रहे हैं, सफाई कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं, निगम के हॉर्टिकल्चर में काम करने वाले कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं, किसी को तीन महीने से तो किसी को पांच महीनों से तनख्वाह नहीं मिली है।
इससे सपष्ट होता है कि भाजपा निगम की संपत्तियों को बेचकर कमीशनखोरी कर रही है। हम आदेश गुप्ता जी से और निगम के मेयरों से पूछना चाहता हूं कि अब जब आपकी लूट का पर्दाफाश हो ही चुका है, जनता ने आपका साथ छोड़ ही दिया है और आप भी यह मान ही चुके हैं कि निगम में वापस नहीं आने वाले हैं तो जाते-जाते ईमानदारी का एक छोटा सा काम करोगे, तो दोनों लोकों में कल्याण होगा। बस इतना बता दीजिए कि किसकी जेब में कितना पैसा गया है। ऐसा करने से शायद आपके कुछ पाप धुल जाएं। शायद दिल्ली की जनता आपको माफ कर पाए।
दिलीप पांडेय ने कहा कि मैं आम आदमी पार्टी की ओर से स्पष्ट करना चाहता हूं कि निगम के चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ होने के बाद, निगम में झाड़ू चलने के बाद, यह जितने भी घोटाले हो रहे हैं, संपत्तियों की खरीद पर जितनी भी कमीशनखोरी हो रही है, निगम में आने के बाद आम आदमी पार्टी हर एक लेन-देन की जांच कराएगी। क्योंकि यह वित्तीय लेन-देन नहीं हैं बल्कि यह वित्तीय घोटाले हैं। जो भी व्यक्ति इन घोटालों में शामिल होगा, इसकी जांच की जाएगी और फिर सभी दोषियों को उनकी सही जगह पर पहुंचाया जाएगा, उन्हें जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा। संपत्तियों को बेचने की भाजपा की आतुरता तो देखिए। बाकायदा बिल्बोर्ड्स, होर्डिंग्स, बैनर, पोस्टर लगाकार ज़मीनों को जल्दी से जल्दी बेचकर भागने की तैयारी चल रही है। बचे हुए समय में जितना कमीशन खा सकते हैं, खा लो।
नॉर्थ एमसीडी के नेता प्रतिपक्ष विकास गोयल ने कहा कि पिछले कुछ समय से आम आदमी पार्टी बार-बार प्रेस वार्ता कर आपको बता रही है कि भाजपा शासित एमसीडी का भ्रष्टाचार किस प्रकार से अपनी सारी सीमाएं लांघ चुका है। इन लोगों ने स्कूल की जगह को कोचिंग सेंटरों को बेचने का प्रस्ताव पास कर दिया। स्वास्थ्य संबंधी जमीनों को प्राइवेट माफियाओं को बेचने का प्रस्ताव पास कर दिया। यहां तक कि ऐसी जगह जहां लोग शादियां करते हैं, जश्न के लिए इस्तेमाल करते हैं, एमसीडी ने उन्हें भी बेचने का प्रस्ताव पास कर दिया। ऐसी कोई ज़मीन नहीं छोड़ी जहां यह लोग भ्रष्टाचार न कर रहे हों। कल हमने आपको बताया था कि कैसे भाजपा ने दिल्ली के मशहूर हनुमान मंदिर पर पार्किंग शुल्क लागू कर दिया। ईस्ट एमसीडी के मंदिरों के लिए ट्रेड लाइसेंस अनिवार्य कर दिया। ऐसा लग रहा है कि भाजपा के सारे नेता सबकुछ भूलकर केवल भ्रष्टाचार में लगे हुए हैं। और जब इनके कर्मचारी हड़ताल पर बैठते हैं तो यह लोग उन्हें देखने तक नहीं जाते। निगम के अध्यापक सारी रात हड़ताल पर बैठे रहे लेकिन भाजपा का एक भी व्यक्ति उन्हें पूछने नहीं गया।
एमसीडी के बड़े-बड़े अधिकरियों से मेरी कई बार बात होती है तो वह बताते हैं कि हमें यही कहा जाता है कि जहां से भी पैसा लूट सकते हो लूट लो। भाजपा को दिल्ली की जनता की पीड़ा से कोई लेना देना नहीं है, निगम के कर्मचारियों से कोई लेना-देना नहीं है, उन्हें सिर्फ भ्रष्टाचार से मतलब है। जैसा कि दिलीप भाई ने कहा कि जाते-जाते तो ईमानदारी का काम कर दो। तो मैं भी यही कहना चाहूंगा कि कम से कम जाते-जाते बता दो कि किसकी जेब में कितना पैसा गया। आपके पाप के घड़े भर चुके हैं तो जाते-जाते कुछ तो अच्छा काम कर दो।