पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की रणनीति को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को प्रमुख नेताओं के साथ मंथन किया। इस मंथन में खास बात यह रही कि यह बैठक भाजपा के 11 अशोक रोड पर स्थित पुराने कार्यालय पर हुई। ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी की आगामी चुनावों की रणनीति का केंद्र पुराना दफ्तर ही रहेगा।
बता दें इस सप्ताह उत्तर प्रदेश पर कोर ग्रुप की बैठक का स्थल भी पुराना कार्यालय था। जिसमें पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, महासचिव तोष, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया था। जोकि विभिन्न चुनावी राज्यों में प्रभारी हैं। पार्टी के एक अधिकारी के मुताबिक पुराने दफ्तर की विभिन्न मंत्रालयों से दूरी कम है, इसके कारण बैठक के लिए यह स्थान चुना गया है। वहीं इससे वरिष्ठ मंत्रियों के लिए कम समय में दी गई सूचना पर भी पहुंचना सुविधाजनक है।
आपको बताते चलें की 2018 में पार्टी मुख्यालय को अशोक रोड से दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर बनाए गए नए बिल्डिंग में स्थानांतरित कर दिया गया था। तब पार्टी के अहम फैसले, प्रेस कांफ्रेंस, आदि चीजें इसी नए भवन से होती थी।
वहीं देश के पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में अगले साल फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। इसको लेकर भाजपा अपनी रणनीति बनाने में लग गई है। इन राज्यों में पंजाब को छोड़ दें तो बाकी चार राज्यों में बीजेपी की ही सरकार है। ऐसे में भाजपा चाहती है कि इन राज्यों में पार्टी वापसी करे। वहीं पंजाब में बीजेपी की नजर सत्ता पाने की है।
बता दें भाजपा की चुनावी रणनीति को लेकर सूत्रों से जानकारी मिली है कि, पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 100 दिन में 100 कार्यक्रम आयोजित करने का प्लान तैयार किया है। हालांकि यूपी में ओबीसी वोटों को लेकर भाजपा पहले ही अपनी रणनीति साफ कर चुकी है कि राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के 200 से अधिक सम्मेलन आयोजित किये जाएंगे।