आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्र सरकार की स्वच्छता रैंकिंग में भाजपा शासित दिल्ली के तीनों नगर निगम फिसड्डी रहे हैं। ये टॉप 20 में भी जगह नहीं बना पाए हैं। देश के 48 नगर निगमों में उत्तरी दिल्ली नगर निगम 45वे, पूर्वी दिल्ली नगर निगम 40वे और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम 31वे नंबर पर रहा है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार एक तरफ स्वास्थ्य-शिक्षा के क्षेत्र दिल्ली का नाम रोशन कर रही है। वहीं भाजपा की एमसीडी दिल्ली के 2 करोड़ों लोगों को शर्मसार कर रही है। भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता बताएं कि दिल्ली को बदनाम करने का ठेका भारतीय जनता पार्टी ने क्यों ले रखा है। अगर उनसे नहीं संभाल रहा तो वह एमसीडी छोड़ दें।
विधायक सौरभ भारद्वाज ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे भारत को स्वच्छ भारत का एक नारा दिया। पूरे भारत में स्वच्छता आंदोलन को चलाया। भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं, मंत्रियों ने खुद कूड़ा उड़ेल कर उसके ऊपर झाड़ू लगाकर वीडियो बनवाया। पिछले कई सालों से भारतीय जनता पार्टी शासित केंद्र सरकार एक स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत स्वच्छता सर्वेक्षण कराती है। यह एक तरीके का सर्वे होता है जो केंद्र सरकार कराती है।
जिसमें वह देखती है कि कौन से राज्य के कौन से शहर में स्वच्छता का पालन किया जा रहा है। उसके कई क्राइटेरिया जैसे टॉयलेट की साफ सफाई, ओपन डिफेकेशन, कूड़े का निपटारा, वेस्ट सेग्रीगेशन, नियमित सफाई आदि हैं। पूरे देश के उस सर्वेक्षण के अंदर मात्र 48 शहर हैं, जो 10 लाख से आबादी वाले शहरों का सर्वेक्षण है। केंद्र की भाजपा के अधीन आने वाले ईस्ट दिल्ली नगर निगम, साउथ दिल्ली नगर निगम और नॉर्थ दिल्ली नगर निगम हैं, उनकी रेटिंग और उनकी रैंकिंग खुद केंद्र सरकार ने निकाली है।
उन्होंने कहा कि इनकी अपनी सरकार रैंकिंग के सर्वेक्षण करती है तो इनको इसकी सूचना आ जाती है कि इस हफ्ते में सर्वे होने वाला है। तब उन शौचालयों के जो इन्होंने स्वच्छ भारत के फंड से बनाए हैं, उनके ताले खोले जाते हैं। उनकी सफाई की जाती है। उस पर साफ सफाई के लिए एक आदमी आ जाता है। उस सर्वे को कराया जाता है। एक हफ्ते के सर्वे होने के बाद दोबारा से उन टॉयलेट पर ताला लगाया जाता है। आप खुद जाकर देख सकते हैं कि ताला लगा हुआ है और धूल जम रही है। क्योंकि इनके पास उन शौचालयों के लिए आदमी नहीं है। जिस तरीके से उनके अंदर घटिया मेटेरियल लगाकर पैसा खाया गया है। अगर वह चले तो इनकी पोल खुल जाएगी।
इसलिए पूरे साल उन पर ताला लगाया जाता है। विभिन्न विभागों से लोगों को झाड़ू मारने के लिए लगाया जाता है, ताकि उस हफ्ते दिल्ली सुंदर दिखे। उसके बावजूद सर्वेक्षण में चीटिंग करते हैं। सर्वेक्षण को साइन करने वाला आदमी और केंद्र सरकार इनकी है। इसके बावजूद इनका यह हाल है कि 48 शहरों के अंदर से उत्तरी दिल्ली नगर निगम 45वे नंबर पर है। यह बेहद शर्म की बात है कि दिल्ली के लिए देश की राजधानी के लिए की उत्तरी दिल्ली नगर निगम पूरे देश में 48 शहरों के अंदर 45 वे नंबर पर है। पूर्वी दिल्ली नगर निगम 40 वे नंबर पर है और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम 31 वे नंबर पर है। यह लोग टॉप 10 और टॉप 20 में भी शामिल नहीं है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कोई भी आदमी एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से बाहर निकलता है तो सबसे पहले शहर के अंदर साफ सफाई देखता है। देश-विदेश से सैलानी और लोग यहां आते हैं। इसके अलावा मेंबर ऑफ पार्लियामेंट, मंत्री आते हैं। ऐसे में दिल्ली की बदनामी दिल्ली नगर निगम कर रहा है। हमको इन्होंने इस लायक बना दिया है कि देश के सबसे गंदे शहरों के अंदर दिल्ली का नाम पिछले 6 सालों से लगा रखा है। इनके अपने ही सर्वे के अंदर यह हाल है। इनकी बाकि की प्रॉपर्टी टैक्स, निर्माण को रेगुलेट करने, रेहडी पटरी वालों को रेगुलेट करने, पार्किंग, कुत्तों-आवारा पशुओं, डेंगू की जिम्मेदारी को छोड़ दीजिए। यह अपनी झाड़ू लगाने की बेसिक जिम्मेदारी में भी फेल हैं।
उन्होंने कहा कि इस फीडबैक में सिटीजन की बात 30 परसेंट वेटेज रखती है। सर्विस किस तरीके की दे रहे हैं इसकी 40 परसेंट है। इन को किसी संस्थान ने सर्टिफाई किया या नहीं किया वो उसकी 30 परसेंट वेटेज होती है। इनकी रिपोर्ट बहुत खराब है। जिसके कारण बताए गए हैं कि नॉर्थ दिल्ली नगर निगम कूड़े का निपटारा नहीं करते हैं। सारा कूड़े को कूड़े के पहाड़ों पर जाकर जमा कर देते हैं। नॉर्थ दिल्ली नगर निगम में आज भी खुले में शौच देखा जाता है। ईस्ट दिल्ली नगर निगम में कूड़ा पृथक्करण का कोई नाम निशान नहीं है। इसके अलावा झाड़ू नहीं लगती है और कूड़ा जलाया जाता है। इनके सर्वे में यह कमियां लिखी आई हैं। ऐसे में अगर दिल्ली गंदी रहेगी तो दिल्ली के अंदर धूल प्रदूषण की जिम्मेदारी भी इनकी है।
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली के अंदर भाजपा शासित 3 नगर निगम है और एक दिल्ली सरकार है। मैं केंद्र सरकार के द्वारा ही दिल्ली सरकार के बारे में क्या क्या कहा गया है, वह कह रहा हूं। इंटरनेशनल लोग जो कहते हैं वह एक अलग है। दिल्ली सरकार के बारे में एक छोटा सा उदाहरण 3 दिन पुराना है कि भारत के अंदर 10 सबसे बढ़िया स्कूलों की एक सूची आयी। जिसमें से चार स्कूल दिल्ली के अंदर है। जिनमें दो द्वारका, एक-एक और यमुना विहार के अंदर है। भारत के सबसे सर्वश्रेष्ठ 10 स्कूलों में से 4 दिल्ली के अंदर है। नीति आयोग की एक रिपोर्ट आई है जिसके अंदर एनएसए स्कोर पूरे देश के शहरों का बताया गया है। उसके अंदर दिल्ली को सबसे टॉप पर बताया गया है और कहा गया है कि इसका सबसे बड़ा कारण दिल्ली की एजुकेशन सिस्टम के अंदर जो अभूतपूर्व परिवर्तन आया है वह है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ दिल्ली के अंदर दिल्ली सरकार है। जिसके मोहल्ला क्लीनिक की तारिफ यूनाइटेड नेशन करता है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब यहां आते हैं तो उनकी पत्नी जो कहती हैं कि मुझे दिल्ली के स्कूल देखने हैं। चांदनी चौक के कार्यों के लिए केंद्र सरकार द्वारा 2 हफ्ते पहले अवार्ड दिया जाता है। नीति आयोग की रैंकिंग के अंदर दिल्ली के एजुकेशन सिस्टम की तारीफ की जाती है। दिल्ली के एनएसए स्कोर को सबसे हाई रखा जाता है। उसी दिल्ली के अंदर भाजपा की एमसीडी 2 करोड़ों लोगों को शर्मसार कर रही है। हमारी जिंदगी को दुश्वार कर रही है।
विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता बताएं कि क्या उन्हें थोड़ी भी शर्म आती है। अगर थोड़ी भी शर्म आती है तो बताएं कि दिल्ली को बदनाम करने का ठेका भारतीय जनता पार्टी ने क्यों ले रखा है। अगर उनसे नहीं संभाल रहा तो वह छोड़ दें। अगर सिर्फ झाड़ू लगाने का काम भी भारतीय जनता पार्टी नहीं कर सकती हैं तो उन्हें सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है। भ्रष्टाचार में डूबी हुई एमसीडी को इस तरीके से चलाने का कोई हक नहीं है।