चमोली में सामाजिक कार्यकर्ता व पर्यावरण प्रेमी चंडी प्रसाद भट्ट ने पोखरी ब्लाक के चन्द्रशिला पट्टी में कलसि,र पाटी, जखमाला, श्रीगढ,गुड़म,सिदेली,कुलेन्डू आदि गांवों मेंजनसंपर्क किया। उन्होंने कहा पर्यावरण को सुरक्षित रखना कल के भविष्य को सुरक्षित रखना है। सभी को पर्यावरण के प्रति सचेत एवं संवेदनशील बनना जरूरी है। विश्व शांति के लिए पर्यावरण को समृद्ध बनाकर रखना आवश्यक है। गांवो से पलायन भी चिंता जनक है गाँव खाली होना पर्यावरण के लिए सबसे बड़ा नुकसान है। गाँव समृद्ध रहेगे तो देश भी समृद्ध रहेगा यह युग महिलाओं का है सामाजिक कार्यों में आगे आना आवश्यक है। महिला शक्ति गांवों में प्रगति के लिए जरूरी है।
चंडीप्रसाद भट्ट चिपको आन्दोलन के कर्णधार में से एक है 1982 में रेंमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित हुए वर्ष 2005 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण तथा 2013 में गांधी शान्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। आज भी गांधीवादी छवि जनता के बीच बनी हुई है 84 वर्ष की उम्र में चंडी प्रसाद भट्ट ने तीन किलोमीटर पैदल चलकर गांवों का भ्रमण किया।
मुख्यमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार नरेंद्र सिंह ने कहा पहाड़ में लोग विकट परिस्थिति में जीवन यापन करते है यहां से ही संघर्ष जारी होता है। युवाओं को कृषि क्षेत्र में स्वरोजगार अपनाना चाहिए और कृषि में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनाने की आवश्यकता है, जिससे किसान की आमदनी दुगुनी हो सके। मुख्यमंत्री ने कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा में विशेष ध्यान दिया है जिसे पहाड़ के अन्तिम छोर तक सभी मूलभूत सुविधायें पहुंच सकें।
इस मौके पर C P भट्ट पर्यावरण संरक्षण द्वारा 120 किसानों को हल दिये गये हल चंडीप्रसाद भट्ट, ओमप्रकाश भट्ट, नरेंद्रसिंह वैज्ञानिक सलाहकार द्वारा किसानों को दिये गये दो दिवसीय शिविर का समापन करते हुए क्षेत्र पंचायत माहेश्वर देवी ने कहा पर्यावरण हमारी सम्पत्ति है। इसको बचाना सबका कर्तव्य है। इस मौके पर पांच ग्राम सभा की महिला मगलदल अध्यक्ष प्राथमिक विद्यालय कुलेन्डू के अध्यापक अनुसूइया प्रसाद, सतेंद्र भण्डारी, अब्बलसिंह , राजपालसिंह, कुॅवरसिंह सतेंद्रसिंह , कैलाशसिंह , देवेंद्रसिंह , गजेंद्रसिंह , चन्द्रमोहन, सुनीलसिंह आदि मौजूद थे।