सन्तोषसिंह नेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पौड़ी जनपद के ब्लाक पोखड़ा केे गवाॅणी में आयोजित “गवाॅणी महोत्सव-2018” का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में इस प्रकार के आयोजनों से हमें अपनी संस्कृति एवं परम्पराओं से जुड़ने में भी मदद मिलती है। आज वास्तव में गांवों में इस प्रकार के प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने महोत्सव परिसर में विभिन्न विभागों एवं महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाये गये स्टॉलों का अवलोकन किया
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश के वनों में चीड़ के वृक्ष बहुपयोगी हो सकते हैं तथा इससे विभिन्न प्रकार की वस्तुएं बनायी जा सकती है। चीड़ का वृक्ष रोजगार के साथ-साथ राज्य की आय संवर्धन में भी सहायक हो सकता है। उन्होंने गवांणी गांव के लोगों की प्रशंसा करते हुए कहा कि बहुत कम लोग होते है जो दूसरों के लिए कार्य करते है। यहां के ग्रामीण दूसरों की सेवा के लिए एक मिशाल के रूप में कार्य करते आ रहे है। उन्होंने ग्रामीणों को अपने खेत एवं वनों की ओर लौटने को कहा। कहा कि वनों की उपज को आज कई लोगों ने रोजगार का जरिया बनाया है। तिमला, आंवला आदि की औषधि गुण वाले अचार की मांग बढ़ती जा रही है। कई लोगों ने इसे अपना रोजगार का जरिया बनाकर अपनी आजीविका का संवर्धन किया है। उन्होंने गुलाब की खेती पर विशेष ध्यान देने पर बल देते हुए कहा कि आज गुलाब का तेल 10 से 12 लाख रूपया प्रति किलो तक बिक रहा है।
इस अवसर पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने जनपद में पर्यटन की अपार संभावना बताते हुए लोगों को स्वरोजगार की दिशा में कार्य करने की बात कही। उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय आवासीय योजना के तहत लोग अपने गांव के घरों को बैंकों के सहयोग से होमस्टे योजना से जोड़ सकते हैं। इससे आमदनी बढ़ने और क्षेत्र में लोगों की आवाजाही रहने से और अधिक लोगों को आजीविका के अवसर उपलब्ध होंगे।