ज़ेबा ख़ान/एक बार फिर से कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विमानो का आगमन अभियान शुरू हो गया है। आपको बता दें केलर में भारी बारिश के चलते हुए भूस्खलन की वजह से काफी लोगों को जान और माल का नुकसान उठाना पड़ा है। केरल में पारिश की वजह से एयरपोर्ट पर भी पानी भर गया था जिसके चलते यहां पर से उडान भरने और लैंड करने पर रोक लगा दी गई थी।
केरल में हालात और खराब न हो उसके लिए 26 वर्षों में पहली बार इडुक्की बांध के द्वार खोले जा रहे हैं, केरल के कोच्चि में बाढ़ चेतावनी जारी की गई थी। पेरियार नदी के बढ़ते पानी के स्तर के कारण हवाई अड्डे क्षेत्र में संभावित पानी भरने की वजह से कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आगमन अभियान रोक दिया गया है। कोचिन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लैंडिंग में सावधानी बरतने के लिए गुरुवार को 1.10 बजे बंद कर दिया गया है।
दरअसल इडुक्की बांघ केरल के सबसे प्रतिष्ठित बांधों में से एक है। जो एशिया में सबसे ज्यादा आर्क बांधों में से एक है, इस बांध को साल 1992 में पूरी तरह से 26 साल पहले खोला गया था। एर्नाकुलम में स्थित स्थानों में से एक, एडमुलायर के पानी के साथ-साथ इडुक्की बांध एर्नाकुलम तक पहुंचने के बाद नेडुंबसेरी को गंभीर रूप से पानी का लेवल प्रभावित किया। और साथ ही बीते गुरुवार को भारी बारिश और बांध खोलने के बाद,बहां हालात और बिगड़ गए दरअसल हवाई अड्डे के पास से चेंगल नहर बहती है,और कोचीन हवाई अड्डे की नालियों चेंगल नदी से जुड़ी हुई हैं।एयरपोर्ट की नालियों का पानी चेंगल नहर में ही जाता है।