
colodian baby birth in Bahraich
बहराइच। बलरामपुर की महिला ने श्रावस्ती के उप-स्वास्थ्य केंद्र पर कोलोडियन बेबी को जन्म दिया। परिवार के लोग खुश हो गए लेकिन जब पता चला कि नवजात कोलोडियन बेबी है तो सभी की खुशियां काफूर हो गईं।कोलोडियन बेबी को देखकर चिकित्सक भी चौंक पड़े। सभी जगह भटकने के बाद बच्चे को शहर के एक निजी क्लीनिक में भर्ती किया गया है। लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखकर डॉक्टरों ने कोलोडियन बेबी का इलाज शुरू किया है। चिकित्सक के मुताबिक क्रोमोसोम की समस्या से यह बीमारी होती है। लाखों बच्चों में एक बेबी इस रोग से ग्रसित मिलता है। खाल प्लास्टिकनुमा काफी पतली होती है जो बच्चे के रोने से भी फट सकती है।
बलरामपुर जिले के हर्रैया थाना क्षेत्र के चौधरीडीह बिनहौनी कला गांव निवासी अनीता देवी (२३) को प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो पति अलखराम ने पत्नी को प्रसव के लिए श्रावस्ती जिले के सिरसिया में स्थित बालापुर उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। यहां पर अनीता ने बेटे को जन्म दिया तो परिवार के लोग खुशी से झूम उठे। लेकिन जन्म के तत्काल बाद डॉक्टर नवजात की स्थिति देखकर चौंक पड़े। उसकी खाल काफी पतली प्लास्टिकनुमा थी। साथ ही उसे श्वांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। इस पर आनन-फानन में उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। श्रावस्ती जिला अस्पताल में भी डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए तो अलखराम नवजात बेटे को लेकर बलरामपुर जिला अस्पताल पहुंचे।
वहां पर बहराइच जिला अस्पताल जाने की सलाह दी। बहराइच में भी डॉक्टरों से निराशा हाथ लगी। इस पर अलखराम ने नवजात बेटे को शहर के डिगिहा तिराहे के निकट स्थित महेश पॉली क्लीनिक पर ले जाकर दिखाया। यहां के चिकित्सक व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. शिशिर अग्रवाल भी नवजात को देखकर चौंक पड़े। बोले यह कोलोडियन बेबी है। काफी रेयर केस है। तराई में यह अब तक का पहला मामला सामने आया है। डॉ. शिशिर ने बताया कि कोलोडियन बेबी को लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखकर इलाज शुरू किया गया है। निरंतर इलाज से बच्चे की हालत सुधर जाएगी।
जेनेटिक डिसार्डर से होती है यह खतरनाक बीमारी
डॉ. शिशिर अग्रवाल ने बताया कि जेनेटिक डिसार्डर से कोलोडियन नामक बीमारी नवजात में होती है। लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर विशेष जेली लगाकर उसे आईसोलेशन वार्ड में रखा गया है। नवजात को ऐसी स्थिति में संक्रमण का भी खतरा रहता है। उन्होंने कहा कि सीनियर्स से भी बातचीत की जा रही है।
अमृतसर में मिला था पहला कोलोडियन
डॉ. शिशिर अग्रवाल ने बताया कि अमृतसर में आधे दशक पूर्व कोलोडियन बेबी मिला था। लता मंगेशकर अस्पताल नागपुर में भी एक कोलोडियन बेबी का मामला सामने आया था। उन्होंने कहा कि यह दुर्लभ किस्म की बीमारी है। मेडिकल साइंस में रिसर्च किया जा रहा है।
अलखराम बोले नवजात है पहली संतान
पॉली क्लीनिक में इलाज कराए आए अलखराम ने बताया कि छह वर्ष पूर्व उनका विवाह अनीता के साथ हुआ था। तीन वर्ष बाद गौना आया था। जन्म लेने वाला नवजात उनकी पहली संतान है। इससे घर में खुशियां आई है। किसी भी कीमत पर बेटा स्वस्थ हो, हर उपाय करेंगे।
-गौरव पटवा