नई दिल्ली, 30 अगस्त, 2018- राजधानी में बड़े पैमाने पर गैर कानूनी ढंग से औद्योगिक इकाईयो और दुकानों को सीलिंग करने से राजधानी में मची अफरा-तफरी और लोगों में फेले आक्रोश और भय के खिलाफ व लोगों को सीलिंग से राहत दिलाने के लिए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आर-पार की लड़ाई लड़ने का फैसला कर लिया है। मुकेश शर्मा ने कहा कि राजधानी में हो गैर कानूनी सीलिंग, भाजपा और आप पार्टी की मिलीभगत का नतीजा है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि दो बड़े राजनीतिक दल जो केन्द्र और दिल्ली में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में बैठे है जो गैर कानूनी सीलिंग रोकने की बजाए उसको अपना मौन समर्थन दे रहे है। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस के शासन काल में इससे भी भयावह स्थिति आई थी और बाकायदा सीलिंग के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश थे लेकिन उस समय कांग्रेस के नेृतत्व वाली यूपीए सरकार, न केवल इस सीलिंग को रोकने के लिए अध्यादेश लाई थी बल्कि सच तो यह है कि तत्कालीन शहरी विकास राज्य मंत्री श्री अजय माकन ने बाकायदा दिल्ली के मास्टर प्लान में इन तमाम पहलुओं को ध्यान में रखते हुए बाकायदा ऐसी औद्योगिक इकाईयों और दुकानों को सीलिंग से बचाने के लिए उनको कानूनी रुप भी दिया था। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली में जहां सीलिंग नही हो रही है उसका सारा श्रेय कांग्रेस सरकार को जाता है।
मुकेश शर्मा ने कहा कि दिल्ली में 70 प्रतिशत से अधिक औद्योगिक इकाईयों वाले 22 क्षेत्रों को नियमित करने के लिए न केवल दिल्ली की कांग्रेस सरकार ने अधिसूचना जारी की थी बल्कि उसके बाद भी लगातार ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित करने के लिए या तो सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया था या सर्वेक्षण प्रक्रिया जारी थी। उन्होने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने अधिसूचना जारी करना तो अलग बात है, सर्वेक्षण वाली उस फाईल को ही कूड़े की टोकरी में फैंक दिया। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान में बकायदा अधिसूचना जारी करने के सुरक्षा कवच दिया गया है, जिसमें यह व्यवस्था है कि सरकार जब चाहे ऐसे क्षेत्रों को अधिसूचित कर सकती है। उन्होंने मांग की कि तुरंत प्रभाव से ऐसे क्षेत्रों को अधिसूचित किया जाऐ।
मुकेश शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते है कि ‘‘पकोड़े बेचो’’ लेकिन प्रधानमंत्री यह भूल गए कि पकोड़े बेचने के लिए भी छोटी सी दुकान की जरुरत होती है। उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि दोनो ही सरकारें केवल लोगों को सब्जबाग दिखा रही है और लोगों को रोजगार मुहैया कराने से उनका कोई सरोकार नही है। श्री शर्मा ने कहा कि घरेलू उद्योग (House Hold Industries) में 121 ऐसे ट्रेड है जिनको करने पर किसी किस्म की कोई कानूनी अड़चन नही है। लेकिन आज उनको भी सीलिंग की मार झेलनी पड़ रही है। जिसके चलते राजधानी में लाखों लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है।
मुकेश शर्मा ने कहा कि श्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय माकन ने यह मांग की थी कि हाउस होल्ड इंडस्ट्री के लिए 5 किलो वाट के कनेशन को 11 किलोवाट किया जाए और 5 कर्मचारियों की जगह 11 कर्मचारियों की व्यवस्था करने के लिए हाउस होल्ड इंडस्ट्री को नए सिरे से परिभाषित किया जाए। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि श्री केजरीवाल के हा भरने के बाद भी आज तक इसे परिभाषित नही किया गया। उन्होने कहा कि केजरीवाल की नियत शुरु से ही खराब रही है और अपनी बात से पलट जाना और झूठ बोलना उनकी आदत में शामिल है। उन्होंने आज फिर मांग की कि घरेलू उद्योग (House Hold Industries) को नए सिरे से परिभाषित किया जाए।
मुकेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष श्री अजय माकन के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली की जनता को इस गैर कानूनी ढ़ग की जा रही सीलिंग के खिलाफ न्याय दिलाने के लिए व्यापक आंदोलन छेड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस आगामी 5 सितम्बर से ‘‘न्याय युद्ध’’ शुरु करेगी। इसके प्रथम चरण में 5 सितम्बर को पूर्वी दिल्ली के संसदीय क्षेत्र गांधी नगर मेन रोड़ पर सायं 4 बजे एक बड़ी सभा होगी जिसमें केन्द्र व दिल्ली सरकार को बेनकाब किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों से भारी संख्या में सीलिंग से प्रभावित लोग कांग्रेस के नेताओं से मिल रहे है। श्री मुकेश शर्मा ने लोगों से अपील की है कि वो कल सांय 5 बजे मुख्यमंत्री निवास पर हो रहे प्रदर्शन में भारी से भारी संख्या में भाग लें।