नई दिल्ली, 05 सितम्बर, 2020 – दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आज राजीव गांधी अमर कालोनी सराय रोहिल्ला रेलवे लाईन वाशिंग लाईन के नजदीक बसी झुग्गी झौपड़ियों का दौरा किया और वहां के निवासियों को आश्वासन दिया कि कांग्रेस उनके हक की लड़ाई को तब लड़ेगी जब तक उन्हें उजाड़ने से पहले वैकल्पिक स्थान नही दिया जाता। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से अत्यधिक प्रभावित झुग्गी कलस्टरों से गरीबां को उजाड़ना अमानवीय और अन्याय है, क्योंकि यह पहले से ही दयनीय जीवन जी रहे है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में अरविन्द सरकार और मोदी की भाजपा शासित दिल्ली नगर निगमों ने गरीबों को केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए इस्तेमाल किया है और उनसे जहां झुग्गी, वहीं मकान जैसे झूठे वायदे करके उन्हें धोखा दिया है जबकि जेजे कलस्टरों के गरीबों के पुनर्वास के लिए कुछ नही किया।दौरे में चौ0 अनिल कुमार के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष श्री जय किशन, पूर्वविधायक अलका लाम्बा, मदन खोरवाल, गौरव धानक, परवेज आलम और उमर सैफी मौजूद थे।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि झुग्गी कलस्टरों में रहने वाले लोग तीन पीढ़ियों से रह रहे है, यह दिल्ली के बोनाफाईड निवासी है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सर्वोच्च न्यायालय में एक पुर्नविचार याचिका दायर करेगी और अरविन्द सरकार और भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम के साथ झुग्गी वालों को वैकल्पिक स्थान देने और विस्थापित करने के मामले में बात करेगी।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द सरकार और भाजपा शासित निगमों की असफलता और निष्क्रियता के चलते रेलवे के नजदीक बसे झुग्गीवासियों पर उजाड़ने की तलवार लटकी हुई है। उन्होंने कहा कि प्रर्याप्त समय होने के बावजूद आप पार्टी और भाजपा दोनो सरकारों ने इन्हें पुनर्वासित करने के लिए कुछ नही किया। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने 2018 में रेलवे पटरियों के नजदीक बसे जेजे समूहों को हटाने के लिए एक आदेश पारित किया था, उस समय अरविंद और मोदी सरकार दोनों चुप रही।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि रेलवे लाईन के नजदीक अथवा सरकारी जमीन पर बसी झुग्गी झौपड़ियों में रहने वाले लोगों ने राजधानी की प्रगति और समृद्धि में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जबकि कोरोना महामारी के संकट में इन्हें उजाड़ना अमानवीय है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली की शीला दीक्षित सरकार ने 2010 में दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) का गठन करने का सीधा उदेश्य केवल जेजे कलस्टरों के निवासियों को सुरक्षित आवास मुहैया कराना थी। दिल्ली की कांग्रेस सरकार ने योजना के तहत दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रां में लगभग 64000 फ्लैटों के निर्माण करने की शुरुआत की थी, परंतु यह दुखद है कि 90 प्रतिशत मकान आज भी खाली पड़े है और अरविंद सरकार ने इन फ्लैटों को जरुरतमंद झुग्गीवासियों को आवंटित करने की कोई पहल नही की।