कनॉट प्लेस अपनी रैंकिंग में सुधार करते हुए अब दुनिया का 17वां सबसे महंगा ऑफिस मार्केट बन गया। गत वर्ष ये 25वां सबसे महंगा ऑफिस मार्केट था। प्रॉपर्टी कंसलटेंट जेएलएल के मुताबिक यहां प्रति वर्ग फुट स्थान की ऑक्यूपेंसी के लिए सालाना 109 यूएस डॉलर तक चुकाने पड़ सकते हैं। इस लागत में अन्य घटक भी शामिल हैं।
प्रीमियम ऑफिस रेंट ट्रेकर (पोर्ट) रिपार्ट में जेएलएल ने कहा है कि न्यूयॉर्क का मिडटाउन और हांगकांग-सेंट्रल दुनिया के सबसे महंगे ऑफिस स्पेस वाले स्थान हैं। ये दोनों दुनियाभर में पहले पायदान पर हैं। यहां पर एक वर्ग फुट ऑफिस स्पेस के लिए आपको सालाना 261 यूएस डॉलर चुकाने पड़ेंगे।
वहीं बीजिंग-फाइनेंस स्ट्रीट, लंदन-वेस्ट एंड और सिलिकॉन वैली इस मामले वैश्विक सूची में टॉप फाइव में शामिल हैं। इस सूची में एशिया प्रशांत क्षेत्र दस प्रमुख ऑफिस मार्केट में छठे स्थान पर है।
अगर दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस की बात करें तो कई शानदार इमारतें हैं और देश का सबसे महंगा ऑफिस मार्केट है। यानी यहां ऑफिस लेने के लिए आपको सबसे ज्यादा राशि चुकानी होगी। जेएलएल इंडिया की ओर से जारी बयान के अनुसार कनॉट प्लेस ने पिछले साल की अपनी रैंकिंग में सुधार किया है और अब ये 17वें पायदान पर है। यहां एक वर्ग फुट स्पेस के लिए आपको 109 डॉलर चुकाने पड़ेंगे जो सान फ्रांसिस्को से भी ज्यादा है।
इस रिपोर्ट में दुनिया के 112 शहरों के 127 ऑफिस मार्केट को शामिल किया गया है। इसके मुताबिक मुंबई का बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) 102 यूएस डॉलर प्रति वर्ग फुट लागत के साथ देश में दूसरा सबसे महंगा ऑफिस मार्केट है। अपनी रैंक में गिरावट के साथ ये 23वें स्थान पर है।
वहीं 58 यूएस डॉलर प्रति वर्ग फुट लागत के साथ मुंबई का सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट (सीबीडी) 63वें स्थान पर है। बेंगलुरु में एक वर्ग फुट ऑफिस स्पेस के लिए आपको सालाना 51 यूएस डॉलर चुकाने होंगे लेकिन ये शहर पिछले साल के मुकाबले 74 से खिसककर 77वें स्थान पर पहुंच गया है।
दिल्ली एनसीआर का गुरुग्राम 91वें स्थान से खिसककर 83वें स्थान पर पहुंच गया है। यहां फिलहाल एक वर्ग फुट ऑफिस स्पेस की लागत 44 यूएस डॉलर है जो गत वर्ष 48 यूएस डॉलर थी। इन सबसे अलग चेन्नई में एक वर्ग फुट के लिए आपको 21 यूएस डॉलर प्रति वर्ष चुकाने पड़ सकते हैं। ये दुनिया भर में चौथा सबसे किफायती ऑफिस मार्केट है।