रिपोर्ट संतोष नेगी – श्री बदरीनाथ धाम एवं श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तिथियों में कोरोना महामारी को देखते हुआ परिवर्तन किया गया है। अब श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शुक्रवार 15 मई को प्रात: 4.30 बजे खुलेंगे। जबकि श्री केदारनाथ धाम के कपाट 14 मई को प्रात: 6.10 बजे खुलेंगे। इस संबंध में केदारनाथ धाम के रावल कल औंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से औपचारिक घोषणा करेंगे।
पहले श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि 30 अप्रैल एवं श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तिथि 29 अप्रैल निश्चित थी इसी तिथि के मद्देनजर उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड द्वारा दोनों धामों में कपाट खुलने की संभावनाओं के मद्देनजर टीम भेजी थी तथा जिला प्रशासन भी सक्रिय हुआ था।
जानकारी के अनुसार श्री गंगोत्री धाम दिन में 12.35 बजे एवं श्री यमुनोत्री धाम के कपाट दिन में 12.41बजे अपने निश्चत तिथि अक्षय तृतीया 26 अप्रैल को खुल जायेंगे।
आज महाराजा टिहरी मनुजयेंद्र शाह द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एवं पर्यटन-धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज से भेंट- वार्ता के बाद श्री बदरीनाथ धाम कपाट खुलने की तिथि में परिवर्तन करने की घोषणा की गयी तथा श्री केदारनाथ धाम के कपाट की तिथि परिवर्तन हेतु रावल एवं धर्माचार्यों से वार्ता की गयी।चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाई ने टिहरी महाराज की घोषणा का स्वागत किया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री केदारनाथ मंदिर के रावल भीमाशंकर लिंग कल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंच गये है तथा श्री बदरीनाथ धाम के रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी आज ऋषिकेश पहुंचे। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में स्वास्थ्य परीक्षण हुआ । बताया गया कि वह जल्द जोशीमठ पहुंचेगे।
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि कपाट खुलने की नयी तिथियों के अनुसार चारधाम यात्रा के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए जायेंगे। देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्याधिकारी रमन रविनाथ के अनुसार श्री बदरीनाथ धाम एवं श्री केदारनाथ धाम में कपाट खुलने की ब्यवस्थाओं के मद्देनजर देवस्थानम बोर्ड द्वारा भारतीय वन सेवा के अधिकारी बी.डी.सिंह को जिम्मा दिया जा चुका है।
मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट खुलने की तिथि परिवर्तन किये जाने से श्री बदरीनाथ धाम एवं श्री केदारनाथ धाम में कपाट खुलने से पूर्व तैयारियां किये जाने हेतु पर्याप्त समय मिलेगा। कोरोना महामारी के समाप्ति के पश्चात चार धाम यात्रा की भी उम्मीद की जा सकेगी