मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। यूपी में कोरोना से रिकवरी का अनुपात 60%से ज्यादा है। जिसकी प्रसंसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किया। प्रदेश में कोरोना पत्रकार, डॉक्टर, मेडिकल कर्मी, पुलिस फोर्स, पीएसी, अधिकारी, व्यापारी से होता हुआ नेताओं तक पहुंच गया। नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी कोरोना पॉजीटिव मिलने के बाद लखनऊ के पीजीआई में भर्ती किये गये हैं।उनसे पहले विधानसभा में समाजवादी पार्टी के सचेतक जौनपुर के विधायक ललई यादव कोरोना पॉजीटिव पाये गये थे। उनके परिवार के अन्य सदस्यों में भी कोरोना के पॉजीटिव लक्षण मिले तो उन्हें भी कोविड अस्पताल में भर्ती किया गया। उससे पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय नेता पूर्व सांसद व मुलायम सिंह यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव कोरोना पॉजीटिव मिले थे। वह पीजीआई सैफई में भर्ती हुये।
उनके बाद सहारनपुर से से सांसद व बहुजन समाज पार्टी के नेता हाजी फजलुर्रहमान और उनका बेटा व भतीजा भी कोरोना पॉजिटिव मिले थे। जिला अस्पताल प्रशासन ने सांसद और उनके बेटे व भतीजे को क्वॉरेंटाइन के लिए पिलखनी मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया। वहाँ उनका इलाज हो रहा है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि हाजी फजलुर्रहमान लगातार उच्च अधिकारियों से भी मिलते रहे है। इनके अलावा जनता में भी और लोगों से इनका मिलना जुलना रहा है। कहीं ऐसा ना हो और लोग भी पॉजिटिव निकल जाए। यूपी के सुल्तानपुर के लंभुआ से भाजपा विधायक देव मणि भी करोना पॉजिटिव निकले हैं। इनका आवास लखनऊ में राज्यसम्पत्ति विभाग की गुलिस्तां कॉलोनी में है। उस कॉलोनी में पहले भी कोरोना को लेकर एलर्ट हुआ था। यहां कई वरिष्ठ पत्रकार, विधायक/विधानपरिषद सदस्यों व नौकरशाहों का आवास है। तीन दिन पहले मेरठ में एक कांग्रेस नेता की मौत भी हो चुकी है। राजनैतिक दल अपने-अपने कार्यकर्ताओं को प्रदेश मुख्यालय पर अनावश्यक रूप से आने पर मना कर रखा है।सभी पार्टियों के कार्यालय में सेनेटाइजर की फुल प्रूफ व्यवस्था कर दी गयी है। फिर भी कोरोना का खतरा बढ़ गया है। सभी दल फेसबुक लाइव और संचार के अन्य माध्यमों से कार्यकर्ताओं से संपर्क कर रहे हैं।उसके बाद भी नेताओं का कोरोना से संक्रमित होना पार्टी नेताओं की चिंता बढ़ा दिया है।