मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। कोरोना के संक्रमण से निपटने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व देश की प्रदेश सरकारें ने गरीबों, वृद्धों, मनरेगा मजदूरों, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों व समाज के अन्य जरूरत मंदों को आर्थिक सहयोग कर लॉकडाउन में भूख से बचाने के अनेक उपाय कर रहे हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश में गरीबों के लिये मरहम बनी इस छोटी रकम पर भी लुटेरों का रैकेट लग गया है। जौनपुर में मनरेगा मजदूर का पैसा निकालने वाले प्रधानपति को डीएम ने जेल भेज दिया। गोंडा में मजदूरों का पैसा निकालने और राशन के कोटे पर घटतौली की शिकायत पर जांच अधिकारियों के सामने चली गोलियों की तड़तड़ाहट में दो लोगों की मौत और चार लोग घायल हुये हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा स्वतः घटना का संज्ञान लेने और डीएम-एसएसपी को फटकारने के बाद अभी तक 11 लोग हिरासत में लिए जाने की घटना ठंढी भी नहीं हुई कि जौनपुर में प्रधानपति द्वारा मनरेगा मजदूर को बिना बताये उसका पैसा निकालने का मामला प्रकाश में आया। जिस पर डीएम जौनपुर डीके सिंह ने मनरेगा का पैसा मजदूर के खाते से निकालने पर प्रधान पति को जेल भेज दिया। बताते हैं कि यूपी के कई जिलों में बड़े पैमाने पर प्रधानों ने बैंक मित्रों से मिलकर मनरेगा में आया पैसा अंगूठा लगाकर निकाल ले रहे हैं। इससे मनरेगा के पात्र मजदूर ठगे जा रहे हैं। इसकी सूचना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गोपनीय तरीके से की गयी। उसके बाद मुख्यमंत्री ने प्रदेश के तीन जिलों से आयी शिकायतों के समाधान के लिये अपर मुख्यसचिव गृह अवनीश अवस्थी को निर्देशित किया। अवस्थी के निर्देश के बाद शनिवार को जौनपुर के लाइन बाजार थाना क्षेत्र के एक मनरेगा मजदूर का बयान जिला अधिकारी डीके सिंह के मोबाइल पर व्हाट्सएप किया गया। शिकायत पर त्वरित कार्यवाही करते हुए जिलाधिकारी ने एसओ लाइन बाजार को निर्देशित किया की पचोखर गांव में जाकर उक्त मामले की जांच करें। जांच में मामला सही पाया गया। प्रधान पति पहाडू यादव को गिरफ्तार कर एससो लाइन बाजार द्वारा थाना कोतवाली लाकर जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया। पहाडू यादव आरोपित के साथ सुभाष निषाद पीड़ित भी आया था। जिलाधिकारी से सुभाष निषाद ने बताया कि प्रधान पति ने शुक्रवार को मेरे खाते से ₹4900 निकाल लिया और मुझे केवल ₹400 ही दिए। इतना सुनते हैं जिलाधिकारी ने मुकदमा लिख कर प्रधान पति को जेल भेजने का आदेश दिया। इसी प्रकार बस्ती जिले में ग्राम प्रधान द्वारा मनरेगा की मजदूरी के बदले ग्राम प्रधान द्वारा कमीशन मांगने का मामला प्रकाश में आया। प्रमोद चौधरी नाम जे व्यक्ति ने अपने फेसबुक वाल पर पूरे प्रकरण का वीडियो डाला था। वीडियो में दिखाया गया गया है कि ग्राम प्रधान मनरेगा की मजदूरी और प्रधानमंत्री द्वारा भेजे गये पैसे को निकालने के एवज में अधिकारियों और बाबुओं का हिस्सा बता कर आधा रकम मांग रहा हैं।जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने जांच बैठा कर दोषी पाये जाने पर आरोपी प्रधान को जेल में डालने का आस्वासन दिया है। अपर मुख्यसचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कहा कि सरकार इस प्रकार का कदाचार हरगिज बर्दास्त नहीं करेगी। दोषियों को जेल ही जाना ही पड़ेगा। प्रदेश के कुछ और जिलों से ऐसी शिकायतें मिल रही हैं। जिस पर शख्त कार्यवाही होगी। जिलाधिकारियों से ऐसी घटनाओं पर कड़ाई से निपटने का निर्देश दिया है।
महामारी के बीच मनरेगा के पैसों की लूट के लिये माफिया सक्रिय हुये
Vikas Yadav
News Reporter
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