मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में प्रदेश के अंदर अपराध का ग्राफ गिरा है, जिसके चलते आपराधिक आंकड़ों में कमी आई है। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने आपराधिक आंकड़ा जारी कर पिछली सरकार में हुए जघन्य अपराधों की तुलनात्मक रिपोर्ट जारी किया है।महिला उत्पीड़न संबंधी अपराध 01 अप्रैल 2017 से 31 दिसंबर 2019 तक। आंकड़ों के मुताबिक बलात्कार- साल 2017 से 2019 तक 10384, जबकि साल 2016 से 2018 तक 11047, दहेज मृत्यु- साल 2017 से 2019 तक 6973, जबकि साल 2016 से 2018 तक 7008, शीलभंग- साल 2017 से 2019 तक 35365, जबकि साल 2016 से 2018 तक 33206, अपहरण- साल 2017 से 2019 तक 40314, जबकि साल 2016 से 2018 तक 40632. वहीं POCSO ACT के अपराधों में सजा की बात करें तो साल 2018 में मृत्यु दंड- 02, आजीवन कारावास- 67 व अन्य सजा- 420 हुई हैं, वहीं 2019 में मृत्युदंज-03,आजीवन कारावास-152 व अन्य सजा 585 हुई हैं। हत्या के मामले में दावा है कि वर्ष 2016 में 4679 हत्याएं हुईं. वर्ष 2017 में 4324 हत्याएं, वर्ष 2018 में 4018 हत्याएं और जनवरी 2019 से लेकर 15 नवंबर 2019 तक 3294 हत्याएं हुईं।डकैती के मामलों में बताया गया है कि वर्ष 2016 में 263 डकैती हुई, वर्ष 2017 में 251 डकैती, वर्ष 2018 में 144 डकैती के मामले आए, जबकि जनवरी 2019 से लेकर 15 नवंबर 2019 तक 91 डकैती के मामले दर्ज किए गए हैं।लूट के संदर्भ में कहा गया है कि वर्ष 2016 में 4118 लूट की घटनाएं हुई. वर्ष 2017 में 4131 लूट, वर्ष 2018 में 3218 लूट के मामले हुए. जबकि जनवरी 2019 से लेकर 15 नवंबर 2019 तक 1982 लूट के मामले दर्ज किए गए हैं। बलात्कार के संदर्भ में कहा गया है कि वर्ष 2016 में 3481 मामले दर्ज हुए, वर्ष 2017 में 4272 मामले, वर्ष 2018 में 3946 मामले आए, जबकि जनवरी 2019 से लेकर 15 नवंबर 2019 तक 2553 मामले दर्ज किए गए हैं। अंत मे दहेज मृत्यु की तुलना करते हुए बताया गया है कि वर्ष 2016 में 2439 मामले दर्ज हुए. वर्ष 2017 में 2543 मामले, वर्ष 2018 में 2444 मामले आए, जबकि जनवरी 2019 से लेकर 15 नवंबर 2019 तक 2144 मामले दर्ज किए गए हैं। ठीक इसके उलट समाजवादी पार्टी ने अपने मुख्यालय में एक बोर्ड लगा कर बताया गया है कि उत्तर प्रदेश किन-किन अपराधों में देश मे नम्बर एक है।