नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने अपने आवास पर देश के जाने-माने नाटककार दया प्रकाश सिन्हा की किताब Two Classical Plays From India का विमोचन किया। इस मौके पर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने डीपी सिन्हा के कृतित्व और व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उपराष्ट्रपति ने प्रसिध्द नाटक ‘रक्त-अभिषेक’ की चर्चा करते हुए कहा कि ये नाटक पूरे देश में काफी लोकप्रिय हुआ है यही नहीं डीपी सिन्हा के ज्यादातर नाटक बेहद लोकप्रिय हुए हैं और समाज में गहरी छाप छोड़ी है। इस मौके पर श्री नायडू ने कहा कि डीपी सिन्हा उनके पुराने साथी रहे हैं और उनका साहित्य समाज को आईना दिखाने काम करता है।
वहीं किताब के लेखक दया प्रकाश सिन्हा ने विस्तार से बताया कि Two Classical Plays From India में उन्हें क्यों लिखनी पड़ी। उन्होने बताया कि इतिहास और पुराणों के प्रसंगों पर आधारित नाटक समाज में सर्वाधिक प्रभाव डालते हैं। उन्होंने बताया कि हत्या और वध में क्या अंतर होता है। अपने नाटकों का जिक्र करते हुए डीपी सिन्हा ने कहा कि व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए किसी की जान लेना हत्या है और सार्वजनिक हितों के लिए, मानव धर्म की रक्षा के लिए ली गई जान वध है।
किताब Two Classical Plays From India का प्रकाशन वितस्ता पब्लिशर ने किया है। कार्यक्रम में प्रकाशक रेनू कौल वर्मा ने भी अपने विचार रखे।
इस मौके पर एनएसडी के निदेशक वामन केंद्रे, संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप, पूर्व सांसद महेश चन्द्र शर्मा,राज्यसभा के पूर्व महासचिव योगेन्द्र नारायण, संस्कार भारती के बाबा योगेन्द्र जी, अमीर चन्द जी, भारतीय जन संचार के निदेशक प्रो. केजी सुरेश, इंदिरा गांधी कला केन्द्र के निदेशक सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी समेत बड़ी संख्या में गणमान्य लोगों ने शिरकत की। कार्यक्रम में आए हुए अतिथियों का आभार रविशंकर खरे ने जताया।