दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को वेब पोर्टल कोबरापोस्ट को विभिन्न मीडिया घरों पर एक डाक्यूमेंट्री रिलीज़ करने पर रोक लगा दिया है। इस डाक्यूमेंट्री में कथित रुप से विभिन्न बडे मीडिया घराने पेड न्यूज, सांप्रदायिक एजेंडा, बड़े पैमाने पर ध्रुवीकरण और काले धन की स्वीकृति जैसे कदाचारों में शामिल हैं।दैनिक भास्कर निगम लिमिटेड के याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति वाल्मीकि जे मेहता ने ये आदेश दिया है। दैनिक भास्कर ने फोरम फाॅर मीडिया एण्ड लिटरेचर जो कि एक गैर-लाभकारी संगठन है और जो पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही है http://www.cobrapost.com पर अपनी इस डा्क्यूमेंट्री को प्रकाशित करने पर रोक लगाने की अदालत से गुहार लगाई थी।दैनिक भास्कर ने अदालत से कहा कि कोबरापोस्ट का मकसद उनकी प्रतिष्ठा को गिराना है।
अदालत ने कहा दैनिक भास्कर निगम लिमिटेड की ओर से अनुरोध किए गए तर्कों के मद्देनजर, अदालत अगले आदेश तक, फोरम फाॅर मीडिया एण्ड लिटरेचर को सार्वजनिक रूप से इस इनवेस्टिगेटिव स्टोरी को जारी किए जाने से रोक लगाती है। गौरतलब है कि 25 मई, 2018 को 3 बजे प्रेस क्लब आॅफ इंडिया में ‘ऑपरेशन 136: भाग II’ की स्क्रीनिंग होनी थी।अदालत ने फोरम फॉर मीडिया एंड लिटरेचर और अन्य को भी सम्मन जारी किए और इस मामले को 4 जुलाई को आगे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।इससे पहले कोबरापोस्ट 26 मार्च को ऑपरेशन 136: पार्ट-1 की स्क्रीनिंग प्रेस क्लब आॅफ इंडिया में कर चुका है जिसमें 17 मीडिया हाऊस पैसे के बदले पेड न्यूज ,सांप्रदायिक एजेंडा सेट करने, बड़े पैमाने पर ध्रुवीकरण कराने के साथ साथ ब्लैक मनी लेने की बात स्वीकार करते हुए दिख रहे थे।
फैसले के तुरंत बाद, कोबरापोस्ट ने एक प्रेस बयान में कहा कि कोबरापोस्ट ने ‘ऑपरेशन 136: पार्ट-1’ नाम से एक तहकीकात दिखाई थी जिसमें 17 मीडिया संस्थानों और उनमें चल रही गड़बड़ी का खुलासा किया गया, जिसमें इन मीडिया संस्थानों को paid news चलाने, सांप्रदायिक एजेंडा चलाने, बड़े पैमाने पर ध्रुवीकरण करने और अवैध काले धन को स्वीकार करने की कोशिश करते देखा गया था। इस तहकीकात का पहला पार्ट 26 मार्च 2018 को जारी किया गया था।
हम अपने पाठकों और दर्शकों को सूचित कर रहे हैं 25 मई 2018 की शाम 3 बजे इसी तहकीकात का दूसरा हिस्सा ‘ऑपरेशन 136: पार्ट-2’ को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रिलीज किया जाना था। लेकिन प्रेस क्लब को 24 मई 2018 की शाम दिल्ली हाई कोर्ट से एक आदेश मिला है, जो इस बात पर तर्क देता है कि “अगर ‘ऑपरेशन 136: पार्ट-2’ को सार्वजनिक डोमेन में जारी करने की अनुमति दी जाती है तो इससे अभियोगी की प्रतिष्ठा को कड़ी हानि और चोट पहुंचेगी, जिसकी कभी भरपाई नहीं की जा सकती ” गौरतलब है कि दैनिक भास्कर समूह कोबरापोस्ट की इंवेस्टिगेशन में शामिल है।
आदेश में कहा गया है कि ‘जब तक अदालत द्वारा हरी झंडी नहीं मिल जाती तब तक कोबरापोस्ट ‘ऑपरेशन 136: पार्ट-2’ को ना तो किसी भी सार्वजनिक डोमेन में और ना ही 25 मई 2018 की शाम 3 बजे, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में से इसे जारी कर सकता है’।हालांकि जनता तक पूरी सच्चाई को पहुंचाने के लिए हम इस आदेश पर मंजूरी लेने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं लेकिन देखना होगा कि क्या हम 25 मई, 2018 की शाम 3 बजे से पहले इसे हासिल करने में सक्षम हो पाएंगे। अगर हम 3 बजे से पहले मंजूरी नहीं ले पाते हैं तो हम 25 मई को होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस को करने में असमर्थ होंगे।“ऑपरेशन 136: पार्ट-2” की रिलीज के स्थगन के बारे में सार्वजनिक रूप से घोषणा की जाएगी।