नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए पूर्व विधायक अल्का लाम्बा ने कहा राजधानी में प्रतिदिन औसतन 6 बलात्कार की घटनाओं से बेपरवाह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल अपनी आत्मिक शांति के लिए विपाश्यना के लिए दिल्ली से बाहर है। उन्होंने कहा कि अधिकतर नाबालिक दलित बालिकाओं के साथ लगातार हो रहे यौन उत्पीड़न और बलात्कार की घटनाओं पर केन्द्र की मोदी सरकार और केजरीवाल संवेदनशील नही है। उन्होंने कहा कि यह कैसा केजरीवाल का शासन है जहां 4 साल की बच्ची का बापा नगर में बलात्कार किया जाता है। उन्होंने कहा कि केन्द्र और दिल्ली सरकार महिला सुरक्षा की दुहाई तो देती है परंतु दिल्ली में अपराध पर अंकुश लगाने पर कोई कदम नही उठाते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल दिल्ली में बढ़ते बलात्कारों के मामलों पर मुख्यमंत्री से जवाब तलब क्यों नही करती है? उन्होंने कहा कि स्वाति मालीवाल नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तुरंत अपने पद से इस्तीफा दें।
अल्का लाम्बा ने कहा कि दिल्ली में बढ़ते अपराधों पर रोक लगाकर कानून व्यवस्था में सुधार लाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री को पुलिस आयुक्त, उपराज्यपाल और गृहमंत्री के साथ संवाद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनावों में महिला सुरक्षा पर बड़े-बड़े वायदे करने वाली भाजपा और आम आदमी पार्टी वास्तव में महिलाओं को अधिकार और सुरक्षा देने के पक्ष में नही है और दिल्ली में बलात्कार घटनाओं पर केजरीवाल की चुप्पी तथा खामोशी उनके व्यक्तित्व पर प्रश्न चिन्ह लगाती है।
अल्का लाम्बा ने कहा कि गरीब, मजदूर, दलित वर्ग की छोटी उम्र की नाबालिग बच्चियों के साथ दिन दहाड़े बलात्कार करके उनकी हत्या कर दी जाती है। उन्होंने ने मांग की कि दलित, गरीब मजदूर वर्ग के छोटे बच्चों के लिए दिल्ली सरकार क्रेच बनाए ताकि दिल्ली में बढ़ते बलात्कार और यौन शोषण के मामलों मे कमी लाई जा सके। उन्होंने कहा कि यदि केजरीवाल दिल्ली में बालिकाओं के साथ हो रहे अपराधों पर अंकुश लगाना चाहते है तो तुरंत प्रभाव से वार्ड स्तर पर क्रेच बनवाए जाऐ।
अल्का लाम्बा ने कहा कि दिल्ली छावनी के नांगल गांव की दलित बेटी के साथ बलात्कार के बाद हत्या के मामले श्री राहुल गांधी जी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार द्वारा पीड़ित परिवार से मिलने के बाद पुलिस ने अपराधियों के साथ कार्यवाही की तथा केजरीवाल अपनी मौजूदगी दर्ज कराने मात्र ही नांगल गांव गए पीड़ित परिवार से मिलने गए। उन्होंने अरविन्द पर सवाल उठाते हुए कहा कि दलित व मुस्लिम रेप पीड़िताओं से वे क्यों नही मिलने जाते? उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में 15 अगस्त तक 1231 बलात्कार की घटनाएं पंजीकृत हुई, जो पिछले वर्ष की घटनाओं के अनुपात मे 36 प्रतिशत अधिक है।
अल्का लाम्बा ने कहा कि दिल्ली में दलितों के साथ हो रहे अत्याचारों और दलित महिलाओं और नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार जैसी घिनौनी घटनाओं के अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने की कार्यवाही के लिए दिल्ली सरकार से अनूसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आयोग के गठन किया जाए ताकि दलित के साथ हुए अपराधिक अत्याचारों के मामले आयोग में पंजीकृत हो सके तथा आयोग सरकार के संज्ञान में लाए ताकि पुलिस तय समय सीमा में अपराधियों को सजा दिला सके।
अल्का लाम्बा ने कहा कि चुनाव से पूर्व हर बार नई बात करके केजरीवाल दिल्लीवालों को गुमराह करने का काम करते है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पूर्व केजरीवाल ने महिला सुरक्षा के लिए मौहल्ला मार्शलों की बात कही थी, परंतु एक भी मौहल्ला मार्शल अस्तित्व में नही है। उन्होंने कहा कि कमरतोड़ मंहगाई, बढ़ती बेरोजगारी और केजरीवाल और भाजपा की रजामंदी से बनाई गई शराब नीति का ही नतीजा है कि दिल्ली में लूटपाट, झपटमारी, महिला उत्पीड़न, यौन शोषण के मामलों अत्यधिक वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि रेप केपिटल राजधानी बढ़ते अपराधिक मामलों में भी नम्बर-1 बन रही है।
अल्का लाम्बा ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल की दिल्ली सरकार के 7 वर्षों के कार्यकाल में राजधानी में 15800 बलात्कार की घटनाऐं हुई है और 15 प्रतिशत मात्र 2407 बलात्कार के मामलों में पीड़ित परिवारों को 25.78 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है, जो औसतन 1 लाख प्रति परिवार है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने अपने 7 वर्षों के कार्यकाल में केवल उन्हीं तीन पीड़ित परिवारों से मिलें, जो बलात्कार के मामले मीडिया की सुर्खियों बने। केजरीवाल ने 4 अगस्त, 2021 को नांगल गांव दिल्ली कैंट की 9 वर्षीय दलित बेटी के पीड़ित परिवार से मिले। 7 अगस्त, 2020 को 12 वर्षीय पुरानी दिल्ली की बेटी के पीड़ित परिवार से अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान अस्पताल में मिलने गए और 7 जुलाई 2021 को द्वारका जहां 24 वर्षीय महिला के पीड़ित परिवार से मिले और तीनों जगह ही 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सभी पीड़ित परिवारों को मुआवजा मिलना चाहिए।
अल्का लाम्बा ने कहा कि दिल्ली में यौन उत्पीड़न/अत्याचार के पीड़ित बालिकाओं /महिलाओं के परिवारों के प्रति केन्द्र की मोदी सरकार और दिल्ली सरकार संवेदनशील नही है परंतु प्रदेश कांग्रेस के दरवाजे पीड़ित परिवारों के लिए खुले है तथा इन्हें हर संभव आर्थिक और न्यायिक सहायता दी जाएगी। प्रदेश कांग्रेस परेशानी से उबारने के लिए उनके साथ खड़ी है और उन्हें न्याय दिलाने के तब तक लडे़ंगे जब तक उनको न्याय नही मिल जाता।