तृप्ति रावत/ दिल्ली के बुराड़ी में रविवार सुबह संदिग्ध हालत में हुई 11 लोगों की मौत को लेकर मामला और उलझता जा रहा है। प्राइमरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस मामले को सामूहिक आत्महत्या मानकर चल रही है। इसका कारण है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लाशों पर किसी भी प्रकार के कोई भी संघर्ष के निशान नही नजर आएं हैं। लेकिन अभी भी ये मामला और भी कई सवाल खड़े कर रहा है। जिनके जवाब अभी तक नही मिले हैं।
कई अनसुलझे सवाल?
अगर आत्महत्या है तो 11 लोग एक साथ कैसे राजी हो गए? अगर सभी ने एकसाथ खुदकुशी की तो पहले वाले को मरते देख और सभी को डर क्यों नही लगा? यदि ये सामूहिक हत्या है तो कान में रुई क्यों ठूंसी गई? आखिर उनके मुंह और आंखो में टेप क्यों चिपका हुआ था? यदि ये सामूहिक हत्या है तो घर के किसी सदस्य ने सोसाइड नोट क्यों नही छोड़ा? मरने वालों में ज्यादातर के गले में चुन्नी बंधी हुई थी जिसमें धार्मिक संदेश लिखे हुए थे। ऐसा होने की क्या वजह हो सकती है? छोटे बेटे ललित के हाथ खुले क्यों मिले? बुजुर्ग महिला के गले पर न फंदा था न हाथ पैर बंधे थे ऐसा क्यों?
यदि जहरीला पदार्थ खाया गया तो मुंह से झाग क्यो नही निकला? घर में लूट-पाट नही हुई तो हत्या का मकसद क्या हो सकता है? यदि प्रेम प्रसंग में हत्या हुई है तो हत्या के कोई सुराग क्यों नही मिल रहें? आखिरी रात को लाइट जाने का रहस्य क्या है?
क्राइम ब्रांच की जांच के मुताबिक घर में मिले दोनों रजिस्टरों में मृतक ललित की हैंड राइटिंग है। ललित छोटा भाई था, जिसकी फर्नीचर की दुकान थी। रजिस्टर में लिखा है, ‘ललित के स्वास्थ्य की चिंता मत करो, मेरे आने से प्रभाव पड़ता है।’ बताया जा रहा है कि ललित के पिता उसके सपने में आते थे और उन्होंने ही यह सब उससे लिखवाया था। ऐसा कैसे संभव है?
जांच से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक फंदा लगाने की वजह से इन सबका टॉयलेट निकला हुआ था। जहर खाने या खिलाए जाने की संभावना कम है। फिर भी पुलिस ने विसरा को सुरक्षित रखवा लिया है, ताकि पता चल सके कि मौत से पहले उन्हें कोई जहरीला पदार्थ तो नहीं खाया था।
घर की मुखिया की बहन का कहना है कि हो सकता है प्रॉपर्टी के लालच में किसी ने ये हत्याएं कराई हो। जिस घर में इन लोगों की मौत हुई वह करीब 100 गज के प्लॉट में बना है। दोनों भाइयों की अलग-अलग दुकान थी और उनकी जिंदगी एकदम सिंपल तरीके से चल रही थी। परिवार में किसी तरह का कोई विवाद नहीं था।
घर की बालकनी के पास ही बिजली का एक बड़ा खंभा है। एक पड़ोसी ने बताया शनिवार रात बारह बजे से तीन बजे तक लाइट नहीं थी। तीन घंटे लाइट बंद होना साजिश हो सकती है।