नई दिल्ली, 28 नवम्बर। दिल्ली सिविल डिफेंस संघर्ष मोर्चा पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं का समूह आज दिल्ली भाजपा कार्यालय में मिलने पहुंचा। भगवान महावीर अस्पताल जो कि दिल्ली सरकार के अधीनस्थ है उसमें कार्यरत 60 लोग सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्यरत थे जिन्हें दिल्ली सरकार ने बिना किसी सूचना व नोटिस के नौकरी से निकालकर उन्हें बेरोजगार कर दिया और अपने जानकार नये ठेकेदार को ठेका देकर ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा दिया। निकाले गये कर्मचारियों में 5 विधवा महिलायें भी हैं, परिवार के पालन-पोषण की जिम्मेदारी इन्हीं पर है। दिल्ली सरकार के इस अनैतिक फैसले के खिलाफ प्रतिनिधिमंडल आज प्रदेश महामंत्री राजेश भाटिया एवं मीडिया प्रमुख अशोक गोयल देवराहा से मिला। प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष विशाल मल्होत्रा, महामंत्री प्रवीण लाकड़ा एवं सतीश कुमार प्रमुख थे।
राजेश भाटिया ने प्रतिनिधिमंडल से बातचीत कर कहा कि हम आपको इस बात का विश्वास दिलाना चाहते हैं कि आपके ऊपर आये इस संकट की घड़ी में दिल्ली भाजपा आपके साथ खड़ी है। दिल्ली सरकार के इस अन्यायपूर्ण फैसले से मुख्यमंत्री केजरीवाल के संवेदनहीन मानसिकता का परिचय होता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपने चुनावी वायदों में दिल्ली में रोजगार देने की बात कही थी लेकिन साढ़े तीन वर्षों में वे रोजगार तो नहीं दे पाये लेकिन कार्यरत कर्मचारियों से उनके दो जून की रोटी छीनने का कार्य वह बखूबी कर रहे हैं।
भाटिया ने कहा कि दिल्ली सिविल डिफेंस संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष श्री विशाल मल्होत्रा के अनुसार, भगवान महावीर अस्पताल पीतमपुरा में 4 फरवरी, 2017 से 60 लोग सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने में अस्पताल में कार्यरत थे। लेकिन अचानक चिकित्सा अधीक्षक ने 15 नवम्बर, 2018 को हमें लगभग 21 महीनों की नौकरी करने के बाद तुरन्त प्रभाव से सेवा मुक्त कर दिया। कर्मचारियों को 673 रूपये प्रतिदिन वेतन मिलता था। अब इनके पास अपने परिवार के भरण-पोषण करने का अन्य कोई साधन व माध्यम नहीं बचा है।
भाटिया ने कहा अरविन्द केजरीवाल ने चुनावी वायदों में ठेकेदारी प्रथा खत्म करने और कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की बात कही थी लेकिन बीते वर्षों के कार्यकाल में पूरी ईमानदारी व निष्ठा से काम करने वाले कांट्रेक्ट कर्मचारियों को बिना किसी सूचना व नोटिस के निकाला गया और नया ठेका अपने जानकार को देकर ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा दिया। इससे पहले भी दिल्ली सचिवालय से सफाई कर्मचारियों को बिना किसी सूचना के घर का रास्ता दिखा दिया गया था। दिल्ली भाजपा यह मांग करती है कि दिल्ली सिविल डिफेंस संघर्ष मोर्चा के सभी 60 कर्मचारियों को तुरन्त बहाल किया जाये।