उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज दिल्ली के अकुशल, अर्द्धकुशल और अन्य श्रमिकों का महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने अपनी मजदूर-परस्त नीतियों के तहत यह कदम उठाया है। श्री सिसोदिया के अनुसार गरीब और मजदूर वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए कोरोना महामारी के दौर में यह बड़ा कदम उठाया गया है। इसका लाभ लिपिक और सुपरवाइजर किस्म के कर्मचारियों की भी मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के प्रभाव के कारण नियमित सरकारी कर्मचारियों के लिए जनवरी से जून 2020 तक महंगाई भत्ते के अंक जोड़ने पर रोक लगा रखी है।
श्री सिसोदिया ने कहा असंगठित क्षेत्र के ऐसे श्रमिकों के महंगाई भत्ते पर रोक नहीं लगाई जा सकती, जिन्हें सामान्यतः केवल न्यूनतम मजदूरी मिलती है। खासकर कोरोना संकट के दौरान ऐसा करना मजदूरों के हित में नहीं है। इसीलिए दिल्ली सरकार ने महंगाई भत्ते जोड़कर नया न्यूनतम वेतन की घोषणा की है। यह दरें 01.10.2020 से लागू होंगी। श्री सिसोदिया ने बढ़ी हुई दर से सभी श्रमिकों और कर्मचारियों को भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
अकुशल मजदूरों के लिए मासिक 15,492 रुपये (दैनिक 596 रु.), अर्द्धकुशल श्रमिकों के लिए मासिक 17,069 रुपये (दैनिक 657 रु.) तथा कुशल श्रमिकों के लिए मासिक 18,797 रुपये (दैनिक 723 रु.) तय की गई है। इसके अलावा, लिपिक और सुपरवाइजर किस्म के कर्मचारियों की भी न्यूनतम मजदूरी की दरें बढ़ाई गई हैं। इनमें गैर मैट्रिक को मासिक 17,069 रुपये (दैनिक 657 रु.), मैट्रिक से गैर-स्नातक तक को मासिक 18,797 रुपये (दैनिक 723 रु.) तथा स्नातक और उससे अधिक शैक्षणिक योग्यता वाले को मासिक 20,430 रूपये (दैनिक 786 रु.) मिलेंगे।
श्री सिसोदिया ने कहा कि औसत अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या के समायोजन के बाद श्रम विभाग द्वारा महंगाई भत्ता का निर्धारण किया जाता है। इसे हर दो बार अप्रैल और अक्टूबर में संशोधित किया जाता है। श्री सिसोदिया ने कहा कि कोरोना से उत्पन्न आर्थिक मंदी के कारण इस साल अप्रैल में महंगाई भत्ते को संशोधित नहीं किया जा सका, लेकिन उसके बाद महंगाई बढ़ने के कारण दिल्ली सरकार ने गरीबों, मजदूरों और कर्मचारिओं के हित में यह कदम उठाया है।