दिल्ली: तिब्बिया कॉलेज में 100 बेड की स्पेशल हॉस्पिटल का शिलान्यास

*- अस्पताल में 17 आईसीयू और 83 ऑक्सीजन बेड बनाएं जाएंगे, यह कोरोना के विरुद्ध हमारी लड़ाई में काफी कारगर साबित होगा- सत्येंद्र जैन

*- तिब्बिया कॉलेज को अत्याधुनिक विश्व स्तरीय संस्थान बनाने और उसके पुनर्विकास के लिए काम करेगी दिल्ली सरकार- सत्येन्द्र जैन

*- आयुर्वेद विज्ञान को और मजबूती प्रदान करने के लिए अच्छे अनुसंधान की आवश्यकता- सत्येन्द्र जैन

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री श्री  सत्येद्र जैन ने बुधवार को दिल्ली सरकार द्वारा बनाए जा रहे 100 बेड के मेक-शिफ्ट अस्पताल का शिलान्यास किया। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि इस अस्पताल में 17 आईसीयू बेड और 83 ऑक्सीजन बेड बनाए जाएंगे। मेक-शिफ्ट अस्पताल कोरोना के विरुद्ध हमारी इस लड़ाई में काफी कारगर साबित होगा। जल्द ही अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। 

स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि आयुर्वेदिक एवं यूनानी तिब्बिया कॉलेज और अस्पताल किसी अमृत कलश से कम नहीं है। यह एक ऐसा ऐतिहासिक कॉलेज है, जहां एक ही छत के नीचे न केवल आयुर्वेदिक, बल्कि यूनानी चिकित्सा पद्धति की गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा एवं उपचार किया जाता है। इस दौरान उन्होंने जीवन शैली संबंधी विकारों को रोकने में आयुर्वेदिक सिद्धांतों के महत्व पर जोर दिया और छात्रों को आयुर्वेद विज्ञान को मजबूती देने के लिए अनुसंधान करने का सुझाव दिया। साथ ही, उन्होंने तिब्बिया कॉलेज को अत्याधुनिक विश्व स्तरीय संस्थान बनाने और उसके पुनर्विकास का खाका तैयार करने की भी घोषणा की। 

स्वास्थ्य मंत्री श्री  सत्येंद्र जैन ने कहा, ‘‘कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली ही नहीं, देश भर के अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे थे और काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। भविष्य में इन परेशानियों से बचने के लिए दिल्ली सरकार अपनी तैयारी में लगी है, ताकि आम आदमी को हर मुश्किल से बचाया जा सके।’’

100 बेड का मेक-शिफ्ट हॉस्पिटल के इसी परिसर में तैयार किया जाएगा, जिसका शिलान्यास आज स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन द्वारा किया गया। इसमें 17 आईसीयू बेड और 83 ऑक्सीजन बेड का वार्ड शामिल हैं। इसे अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से बनाया जा रहा है। 

स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने आयुष निदेशालय को आयुर्वेद के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में उनके योगदान के लिए बधाई दी और कोरोना की पहली लहर के दौरान उनके बहुमूल्य योगदान के लिए तिब्बिया कॉलेज और अस्पताल की सराहना की। इस अवसर पर प्रिवेंटिव स्वास्थ्य सेवा पर जोर दिया गया। इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आयुष विभाग ने प्रिवेंटिव स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में पूरी दुनिया को आकर्षित किया है। इस कठिन समय में हमारी अपनी भारतीय चिकित्सा पद्धति ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन पद्धतियों को अपनाने से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

स्वास्थ्य मंत्री श्री सत्येंद्र जैन ने सभी दिल्लीवासियों से आग्रह किया कि आयुष पद्धतियों और उनके द्वारा बताए गए दिशानिर्देशों का नियमित रूप से पालन करें। सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ता को समुदाय के जिम्मेदार सदस्यों के रूप में स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए इन पद्धतियों के गुणों के बारे में बताना चाहिए और अपनाना चाहिए। दिल्ली सरकार के अनेक स्वास्थ्य कार्यक्रमों के साथ आयुष पद्धति को एकीकृत कर सकते हैं। वास्तव में इन पद्धतियों में काम करने की बहुत गुंजाइश और संभावनाएं हैं। हमें उन अवसरों पर ध्यान देने की जरूरत है। हमें आयुष पद्धतियों को अपनी जीवन शैली में पूरी तरह उतार लेना चाहिए। आयुर्वेद केवल एक विज्ञान नहीं, बल्कि जीवन जीने का ज्ञान है। हमारी जीवन शैली कैसी हो, यह हमें इस विज्ञान से पता चलता है।

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पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाली निकिता सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से ताल्लुक रखती हैं पिछले कुछ सालों से परिवार के साथ रांची में रह रहीं हैं और अब देश की राजधानी दिल्ली में अपनी सेवा दे रहीं हैं। नेशनल ब्रॉडकास्टिंग अकादमी से पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद निकिता ने काफी समय तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के न्यूज़ पोर्टल्स में काम किया। उन्होंने अपने कैरियर में रिपोर्टिंग से लेकर एंकरिंग के साथ-साथ वॉइस ओवर में भी तजुर्बा हासिल किया। वर्त्तमान में नमामि भारत वेब चैनल में कार्यरत हैं। बदलती देश कि राजनीती, प्रशासन और अर्थव्यवस्था में निकिता की विशेष रुचि रही है इसीलिए पत्रकारिता की शुरुआत से ही आम जन मानस को प्रभावित करने वाली खबरों पर पैनी नज़र रखती आ रही हैं। बेबाकी से लिखने के साथ-साथ खाने पीने का अच्छा शौक है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ में योगदान जारी है।
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