भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता ने मोहल्ला क्लीनिक में दी गई गलत दवा से तीन बच्चों की मौत के बाद केजरीवाल सरकार द्वारा तीन डॉक्टरों को बर्खास्त करने के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि सिर्फ तीन डॉक्टरों की बर्खास्तगी कर केजरीवाल सरकार इस संगीन मामले की लीपापोती करने पर तुली हुई है। यह सीधा-सीधा हत्या का मामला है। श्री गुप्ता ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग करते हुए कहा कि 24 घंटे बीतने के बाद भी कोई एफआईआर नहीं किया गया है। यह पूरी लापरवाही स्वास्थ्य विभाग की है इसलिए इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री एवं स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए। क्योंकि इस समय दिल्ली सरकार की स्वास्थ व्यवस्था जर्जर हो चुकी है और पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबी हुई है।
श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि तीन डॉक्टरों को बर्खास्तगी तो सिर्फ लोगों के बीच सहानुभूति बटोरने का महज एक तरीका है। जबकि इस समय चरमराती स्वास्थ व्यवस्था के ‘स्वास्थ’ को ठीक करने की जरुरत है। अगर किसी मोहल्ला क्लीनिक में एक्सपायरी दवाइयां भेजी जा रही हैं तो वह स्वास्थ्य विभाग की ही लापरवाही है क्योंकि मोहल्ला क्लीनिक में बैठा डॉक्टर दवाईयों की व्यवस्था नहीं करता। जब स्वास्थ्य व्यवस्था की गलती है तो नैतिक तौर पर डॉक्टरों को बर्खास्त करने के साथ-साथ स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन को भी इस्तीफा देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मोहल्ला क्लीनिक में दरवाजों पर जंग लगे लटके ताले और वहां शराबियों के बने अड्डे को देखकर उसकी दयनीय स्थिति को आप खुद समझ सकते हैं। मोहल्ला क्लीनिक की स्थिति दिल्ली के अंदर क्या है, यह कोरोना काल में सबने देखा। ना ही वहां एक कोरोना जांच हो पाई और ना ही टीकाकरण ही हो रहा है। ऐसे में मोहल्ला क्लीनिक प्रतिदिन खुलता भी है, वहां डॉक्टर हैं भी या नहीं या फिर मुलभूत जरुरत के सामन है या नहीं, यह किसी को नहीं पता। और यह सब सिर्फ अरविंद केजरीवाल और उनके सरकारी तंत्रों के लापरवाही का नतीजा है।
श्री गुप्ता ने कहा कि पिछले सात सालों में 57 हज़ार करोड़ रुपये सिर्फ स्वास्थ व्यवस्था पर खर्च करने वाली केजरीवाल सरकार ने मोहल्ला क्लीनिक पर शुरुआती दौर में ही 1500 करोड़ रुपये सिर्फ इसलिए खर्च किये ताकि आने वाले समय में वे इसे अपने प्रचार और विज्ञापन का अड्डा बना सके। अगर इन पैसों का प्रयोग दिल्ली के अस्पतालों के विकास पर लगाया गया होता तो आज प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की तस्वीर ही कुछ अलग होती। आज दिल्ली के हर विभाग में सिर्फ भ्रष्टाचार और घोटाला हो रहा है। दिल्ली के कर दाताओं के पैसों का दुरुपयोग किया जा रहा है जिसका जवाब सरकार को देना पड़ेगा।