शंघाई वर्ल्ड स्किल्स 2022 में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले सभी प्रतिभागियों को दिल्ली सरकार दिलाएगी विश्वस्तरीय ट्रेनिंग

केजरीवाल सरकार शंघाई वर्ल्ड स्किल्स में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले सभी प्रतिभागियों को विश्वस्तरीय ट्रेनिंग दिलाएगी। चाहे वो प्रतिभागी किसी भी राज्य का रहने वाला हो. अगर वो नेशनल लेवल पर आयोजित होनेवाली इंडिया स्किल्स प्रतियोगिता में जीत दर्ज करता है तो उसे केजरीवाल सरकार ट्रेनिंग दिलाएगी ताकि वो 2022 में शंघाई में आयोजित होनेवाली वर्ल्ड स्किल प्रतियोगिता में जीत दर्ज करे और देश का नाम रौशन कर सके। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को  दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी (डीएसईयू) द्वारा दिल्ली में पहली बार आयोजित राज्य कौशल प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित करते हुए ये बातें कहीं। राज्य स्तर पर  विजेता प्रतिभागी इसके बाद रिजनल लेवल फिर नेशनल लेवल की स्किल प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे। नेशनल में जीतने वाले प्रतिभागी 2022 में शंघाई में आयोजित होनेवाली वर्ल्ड स्किल प्रतियोगिता में भाग लेंगे। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने सभी विजेताओं से संवाद किया और उन्हें आगे की प्रतियोगिताओं के लिए हर तरह की मदद देने का भरोसा दिलाया।  वर्ल्ड स्किल्स कम्पटीशन के लिए पहली बार दिल्ली में आयोजित राज्य कौशल प्रतियोगिता में 30 अलग-अलग स्किल श्रेणियों में 55 विजेताओं को पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इन प्रतियोगिताओं में 1000 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया था।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में जीते सभी प्रतिभागियों को रीजनल, नेशनल और इंटरनेशनल कंपटीशन के लिए जो भी ट्रेनिंग चाहिए केजरीवाल सरकार कराएगी। साथ ही जो प्रतिभागी शंघाई में हिस्सा लेने जाएंगे उनको भी विश्वस्तरीय ट्रेनिंग कराएगी। चाहे वो किसी भी राज्य के हों. हम भारत को शंघाई में जीतते हुए देखना चाहते हैं. इसलिए देश भर से चुन कर आए प्रतिभागियों के साथ हम खड़े होंगे। उन्होंने कहा कि आप सपना देखिए हम आपके साथ हैं। इस बार 1000 प्रतिभागियों में से 55 चुन कर आए है। अगली बार ये संख्या बढ़ेगी। लेकिन हम साथ खड़े हैं। देश का मान सम्मान बढ़ाने के लिए जो आप काम कर रहे हैं उसके लिए हम तैयार हैं।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हम  2015 में ही दिल्ली में इस प्रतियोगिता को कराना चाहते थे लेकिन तब दिल्ली में इस तरह का कोई सिस्टम नहीं था। कोई आधारभूत संरचना नहीं थी। पिछले 5 साल में हमने वो सिस्टम खड़ा किया जिससे दिल्ली के यूथ को वो मौका मिल सके।हमने दिल्ली स्किल एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी की स्थापना की। आज 2015 में देखे सपने को अमल में लाया गया है ।अब जब मैं आपके बीच खड़ा हूं तो ये बात कहने के लिए खड़ा हूं कि मुझे फक्र है कि आप 1 हजार लोगों में से चुन कर आए हैं।

दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी की वाईस चांसलर  प्रो (डॉ.) नेहारिका वोहरा ने कहा, “हम दिल्ली सरकार के आभारी हैं कि उन्होंने हमें पहली बार वर्ल्ड स्किल्स के लिए दिल्ली राज्य कौशल प्रतियोगिताएं को आयोजित करने का अवसर दिया। इन प्रतियोगिताओं और युवाओं की प्रतिभा को देखना हमारे लिए उत्साहजनक था। मुझे खुशी है कि युवा कौशल के महत्व को समझते हैं और आगे के उज्ज्वल भविष्य के लिए उन्हें विकसित करने का प्रयास करते हैं। हम अगले साल कौशल के और भी बड़े उत्सव का की आयोजन करने की योजना बना रहे हैं और प्रतियोगिताएं के लिए श्रेणियों में विस्तार करेंगे।” 

दिल्ली विधानसभा की शिक्षा समिति की अध्यक्ष और कालकाजी विधायक आतिशी ने कहा, “पिछली बार 2018 में इंडिया स्किल्स प्रतियोगिता आयोजित की गई थी, जिसमें 20 राज्यों ने कई कौशल में भाग लिया था। हालांकि, दुर्भाग्य से, दिल्ली ने राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं का आयोजन नहीं किया। इस वर्ष, हमने पहली राज्य प्रतियोगिताओं के संचालन की पहल की है। मेरा मानना है कि पहला कदम उठाना सबसे बड़ी चुनौती थी। मुझे खुशी है कि हमने छात्रों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान किया”

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने विजेताओं से संवाद भी किया। विजेताओं ने कहा कि हम अपने स्किल के दम पर देश का नाम रौशन करेंगे। दिल्ली सरकार द्वारा विजेताओं को ट्रेनिंग देने की घोषणा पर सभी प्रतिभागी बहुत खुश और उत्साहित नजर आए। ऑटोमोबाइल स्किल में पुरस्कार विजेता सत्यम ने कहा कि उनका सपना सिर्फ शंघाई में स्किल कंपटीशन जितना भर नहीं है बल्कि वो अपने इन्वेंशन से वर्ल्ड को पॉल्यूशन फ्री करना चाहते हैं।

इन 55 विजेताओं को अब क्षेत्रीय दौर के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, और उसमें सफल होने के बाद वे दिसंबर 2021 के लिए निर्धारित इंडिया स्किल्स और उसके बाद वर्ल्ड स्किल्स शंघाई 2022 में हिस्सा लेंगे।

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