दिल्ली हाई कोर्ट ने शराब की होम डिलीवरी योजना पर उठाए सवाल

शराब की होम डिलीवरी पर रोक लगाने की मांग दिल्ली कांग्रेस शुरु से कर रही थी, जिस पर दिल्ली हाई कोर्ट ने भी होम डिलीवरी योजना पर सवाल उठाऐ है।- चौ0 अनिल कुमार

दिल्ली के मुख्यमंत्री उत्तराखंड और गोवा में रोजगार गांरटी और बेरोजगारी भत्ता देने की बात करके वहां के युवाओं की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे है, जबकि केजरीवाल ने दिल्ली में एक भी बेरोजगार युवक को भत्ता नही दिया है – चौ0 अनिल कुमार

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द सरकार द्वारा अतिरिक्त राजस्व बढ़ोत्तरी को लेकर शराब की होम डिलीवरी पर रोक लगाने की मांग दिल्ली कांग्रेस शुरु से कर रही थी जिसे दिल्ली हाई कोर्ट ने भी दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत शराब की होम डिलीवरी के नियम को रद्द करने की बात कही है तथा 24 सितम्बर तक अपना पक्ष रखने के लिए सरकार को निर्देश दिए है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस आबकारी नीति 2010 के नियमों में होम डिलीवरी जैसे संशोधन का शुरु से ही विरोध कर रही है जिसके द्वारा मोबाईल एप व वेबसाईट के द्वारा होम करने की योजना है।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द सरकार ने दिल्ली में सार्वजनिक स्वास्थ्य पर कोई काम नही करके शराब के व्यापार को बढ़ावा देकर संविधान के विपरित काम किया है, जबकि दिल्ली स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई तथा दिल्ली के अस्पतालों में डेंगू, चिकनगुनिया और मौसमी बुखार के मरीजों की भरमार है केजरीवाल राजनीतिक अपेक्षाओं के चलते अन्य राज्यों में विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटे हैं।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल द्वारा गोवा में भी वहां के युवाओं को रीनजम वायदे के जरिए 7 गांरटी कार्यक्रम की घोषणा की। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली में 7 वर्षों के शासन में युवाओं को रोजगार देने में विफल केजरीवाल अपने चुनाव प्रचार में प्रत्येक राज्यों में युवाओं को रोजगार गांरटी और बेरोजगारी भत्ते का शगूफा दे रहे है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अगर अरविन्द केजरीवाल संभावित चुनावी राज्यों में युवाओं को रोजगार गांरटी की बात कर रहे है तो वह अपने शासित राज्य दिल्ली के युवाओं को रोजगार देने के लिए कोई परिपक्व योजना क्यों नही बनाते? आखिर क्यों केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में अपने 7 वर्ष के शासन में अभी तक केवल 440 बेरोजगारों को नौकरी दिला पाए है।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल उत्तराखंड और गोवा के बेरोजगार युवाओं में अंतर समझते है जिसके तहत उन्होंने उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं को 5000 रुपये प्रतिमाह और गोवा के युवाओं को 3000 रुपये प्रतिमाह देने का बयान दिया है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल गोवा के लाखों बेरोजगार युवाओं को वर्गीकृत करके बेरोजगारी भत्ता देने का वायदा करके गुमराह कर रहे है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि प्रत्येक राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रचार में प्रति परिवार एक रोजगार की घोषणा केवल सत्ता हथियाने का हथकंडा है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल दिल्ली की 2 करोड़ की जनसंख्या में प्रति परिवार एक रोजगार देने की योजना क्यों नही बनाते?

News Reporter
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